US deports Indian migrants: अमेरिका ने अवैध रूप से अपने देश में रह रहे भारतीय लोगों की चौथी खेप भेज दी है. अमेरिकी फौज का विमान इस बार पंजाब के बजाए दिल्ली में लैंड हुआ.
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US Deports Indians: अमेरिका से भगाए गए अवैध अप्रवासियों की चौथी खेप रविवार को भारत पहुंची. पचासों लाख रुपये खर्च और जान जोखिम में डालकर अमेरिका में डंकी रूट से दाखिल हुए लोगों की वतन वापसी की फ्लाइट इस बार दिल्ली पहुंची. अमेरिकी एयरफोर्स का स्पेशल विमान दिल्ली स्थिति आईजीआई एयरपोर्ट पर लैंड हुआ. इन सभी कुल निर्वासित भारतीयों में से चार पंजाब से आते हैं. उनमें से दो गुरदासपुर के रहने वाले तो वहीं पटियाला और जालंधर का एक-एक युवक अपने घर लौटा है.
भगवंत मान ने लगाया था आरोप, मोदी सरकार ने सुन ली गुहार
आपको बताते चलें कि अमेरिका और कनाडा में रहने के लिए डंकी मारने में पंजाब के लोग सबसे ज्यादा पाए गए. इसके बाद गुजरात समेत देश के बाकी राज्यों का नंबर आता है. पंजाब के सीएम भगवंत मान ने आरोप लगाया था कि बीजेपी की सरकार पंजाब को बदनाम करने के लिए उसका नाम खराब करने के लिए अवैध अप्रवासी भारतीयों से भरी फ्लाइट जानबूझकर पंजाब में लैंड करा रही है. मान ने कहा था कि अमेरिकी एयरफोर्स के विमान दिल्ली या किसी और राज्य में उतरवाने चाहिए.
पांच फरवरी को पहला और 23 फरवरी को आया चौथा जत्था
अधिकारियों ने कहा, 'अमेरिका द्वारा निर्वासित भारत के अवैध अप्रवासियों का चौथा जत्था आज दिल्ली पहुंचा. वे पनामा के रास्ते भारत वापस आ गए. 12 में से चार पंजाब के रहने वाले थे उन्हें अमृतसर और अपने अपने जिलों में भेजा गया है. आपको बताते चलें कि अमेरिका से निर्वासन का सिलसिला 5 फरवरी को तब शुरू हुआ था, जब बेड़ियों और जंजीरों में बांधकर भारतीयों का पहला जत्था अमेरिकी सैन्य विमान से अमृतसर उतरा था. उस विमान में 104 हिंदुस्तानी भारत लौटे थे. बाद में दो और फ्लाइट पंजाब उतरीं थीं. ये चौथा जत्था था, जो दिल्ली उतरा.
पूरी होगी मांग
भारतीयों के साथ बुरे बरताव को लेकर विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा था कि केंद्र यह सुनिश्चित करने के लिए अमेरिका के साथ बातचीत कर रहा है कि निर्वासित लोगों के साथ दुर्व्यवहार न हो. उन्होंने कहा कि अमेरिका द्वारा अवैध प्रवासियों को वहां से भगाना कोई नई बात नहीं है और ये काम सालों से चल रहा है. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की नीतियों के तहत निर्वासित किए गए लगभग 300 अप्रवासियों को पनामा के होटल में रखा गया है. वहां से अमेरिका के अफसर उन्हें उनके गृह देशों में वापस भेजने के लिए काम कर रहे हैं.
ट्रंप का बयान
ट्रंप ने बिना दस्तावेज वाले विदेशी नागरिकों के बड़े पैमाने पर निर्वासन के फैसले का बचाव करते हुए कहा, 'अमेरिका धर्मशाला या यतीमखाना नहीं है. प्रशासन धोखेबाज और बेईमानों को चुन-चुनकर उनके घर भेज रहा है. इस तरह देश के दलदल को खाली करके उसे पाटने का काम हो रहा है.'