Himachal Pradesh News: हिमाचल प्रदेश में कांगड़ा जिला के एक किसान ने प्राकृतिक खेती की ट्रेनिंग लेकर बंजर जमीन पर खेती कर तगड़ा मुनाफा कमाया है.
Trending Photos
Advantages of Natural Farming: क्या बंजर जमीन पर भी खेती कर मुनाफा कमाया जा सकता है. आपक जवाब शायद ‘न’ होगा लेकिन हिमाचल प्रदेश के एक किसान ने इस लगभग असंभव से काम को कर के दिखा दिया है. कांगड़ा जिला के राजिंदर कंवर ने 75 साल की उम्र में इस मुश्किल लक्ष्य को हासिल किया है.
राजिंदर ने 2019 में झांसी में सुभाष पालेकर से प्राकृतिक खेती का प्रशिक्षण लिया. उनकी यह ट्रेनिंग 6 दिन तक चली जिसमें उन्हें प्राकृतिक खेती के हर पहलू को सीखने का मौका मिला.
घर लौटने पर खरीदी इस नस्ल की गाय
ट्रेनिंग कर जब राजिंदर घर लौटे तो पहले उन्होंने अपनी कृषि योग्य जमीन पर प्राकृतिक खेती की. इसमें उन्हें फायदा हुआ तो उन्होंने बंजर जमीन पर खेती करने का मन बना लिया. उन्होंने साहिवाल नस्ल (Sahiwal Cow) की गाय खरीदी. गाय के गोबर-मूत्र और स्थानीय वनस्पतियों से खाद बनाकर इसे उन्होंने खेतों प्रयोग किया.
हिमाचल प्रदेश कृषि विभाग का कहना है कि राजिंदर ने कभी खेती में केमिकल का इस्तेमाल नहीं किया और जैसे-जैसे उन्हें सकारात्मक नतीजे मिलते गए वह और जोश के साथ इसमें जुट गए.
3000 रुपये खर्च कर कमाए 2,50,000 रुपये
राजिंदर ने प्राकृतिक खेती से 3 तरह की गेहूं उगाई है जिसमें स्थानीय किस्म के साथ, बंसी और काली गेहूं भी शामिल है. मिश्रित खेती के तौर पर उन्होंने गेहूं के साथ सरसों और मटर की फसल भी उगाई है.
राजिंदर के पास कुल 20 करनाल यानी 10 बीघा जमीन है. उन्होंने प्राकृतिक खेती में सिर्फ 3,000 रुपये खर्च कर 2,50,000 रुपये की कमाई की है.
पाठकों की पहली पसंद Zeenews.com/Hindi - अब किसी और की जरूरत नहीं