शादी के कार्ड पर लिखा मृतकों का नाम, मेहमान ने जैसे पढ़ा तो सोच में पड़े कि जाएं या न जाएं?
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शादी के कार्ड पर लिखा मृतकों का नाम, मेहमान ने जैसे पढ़ा तो सोच में पड़े कि जाएं या न जाएं?

Wedding Card: शादी का निमंत्रण किसी भी शादी का अहम हिस्सा होता है और परिवार अक्सर इस निमंत्रण को खास और अलग बनाने के लिए मेहनत करते हैं. हाल ही में एक शादी का निमंत्रण सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बन गया है.

 

शादी के कार्ड पर लिखा मृतकों का नाम, मेहमान ने जैसे पढ़ा तो सोच में पड़े कि जाएं या न जाएं?

Wedding Card Viral: शादी का निमंत्रण किसी भी शादी का अहम हिस्सा होता है और परिवार अक्सर इस निमंत्रण को खास और अलग बनाने के लिए मेहनत करते हैं. हाल ही में एक शादी का निमंत्रण सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बन गया है. इस निमंत्रण में एक विशेष विवरण है, जिसने न सिर्फ लोगों का ध्यान खींचा बल्कि कुछ आश्चर्य और चिंता भी पैदा की है.

 

फेसबुक पर वायरल हुआ शादी का कार्ड

यह शादी का निमंत्रण 9 फरवरी 2025 को जयपुर में होने वाली है, जैसा कि फेसबुक पेज पर फैइक अतीक किदवई द्वारा शेयर किए गए निमंत्रण में दिखाया गया है. हालांकि आमतौर पर शादी के निमंत्रण पारंपरिक तरीके से होते हैं, लेकिन इस निमंत्रण का ‘दर्शनाभिलाशी’ सेक्शन कुछ खास ध्यान आकर्षित कर रहा है.

 

'दर्शनाभिलाषी' में मृतकों के नाम

‘दर्शनाभिलाषी’ का मतलब होता है, 'जो आपकी उपस्थिति के लिए बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं.' आमतौर पर इस सेक्शन में जोड़े के परिवार के जीवित सदस्य जैसे माता-पिता, भाई-बहन या चाचा-चाची का नाम लिखा जाता है, जो मेहमानों का स्वागत करने के लिए इंतजार कर रहे होते हैं. लेकिन इस निमंत्रण में एक अजीबोगरीब बात यह है कि ‘दर्शनाभिलाषी’ सेक्शन में मृतकों के नाम शामिल किए गए हैं.

 

इस निमंत्रण में मृतक परिवार के सदस्य जैसे ‘मरहूम (स्वर्गीय) नूरुल हक’, ‘मरहूम लालू हक’, ‘मरहूम बाबू हक’, और ‘मरहूम एजाज हक’ के नाम लिखे गए हैं. इसके अलावा और भी परिवार के सदस्यों के नाम निमंत्रण में हैं. यह निमंत्रण अब सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है और अब तक इसे 600 से ज्यादा लाइक्स और 100 से अधिक कमेंट्स मिल चुके हैं.

 

सामान्य परंपरा या विवाद?

इस घटना पर कई लोग अपनी प्रतिक्रिया दे रहे हैं. एक कमेंट में लिखा, “यह जोधपुर और जयपुर में आम बात है. मुझे हाल ही में एक ऐसा कार्ड मिला था जिसमें चार मृतक व्यक्तियों को 'देखे जाने के इंतजार में' के रूप में सूचीबद्ध किया गया था.” इससे यह साफ है कि यह परंपरा कुछ स्थानों पर सामान्य मानी जाती है, लेकिन कुछ लोगों के लिए यह अजीब और असामान्य प्रतीत हो रही है.

 

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