Aeroplane Facts: सेना का युद्धाभ्यास हो या हर साल होने वाली रिपब्लिक डे की परेड. आपने कभी न कभी लड़ाकू विमानों (Fighter Jets) के मार्च पास्ट के बाद नीले आसमान में होने वाली वो हलचल जरूर देखी होगी, जिसमें उन जहाजों के पीछे सफेद रंग का धुआं निकलता है. सफेद धारियों में कई लेयर वाला ये धुआं लंबे समय से लोगों के कौतूहल का विषय रहा है. ऐसा क्यों होता है? इसे लेकर कई तरह के दावे किए जाते हैं. हालांकि बहुत से लोगों की इसकी वजह मालूम नहीं होगी.
आसमान में जब फाइटर प्लेन साउंड की रफ्तार से गुजरते हैं तो अपने पीछे सफेद धारियां छोड़ जाते हैं. क्या आपने कभी सोचा है कि ऐसा क्यों होता है? बहुत से लोग इस सफेद धुएं की उत्पत्ति के बारे में कंफ्यूज हो जाते हैं. कुछ लोग इसकी बहुत सी वजहें और सिद्धांत बताने के साथ कई तरह की कॉन्स्पिरेसी थ्योरी की चर्चा करते है. नीले आसमान में सफेद धुआं निकलने की वजह वैज्ञानिक है. दरअसल, फाइटर जेट अपने पीछे गर्म हवा छोड़ता है. लेकिन ऊपर तापमान ठंडा होता है. जिसके कारण आसपास की ठंडी हवा वहां गर्म हवा के संपर्क में आकर जमने लगती है. यही हवा सफेद धारियों के रूप में दिखाई देती है. जैसे ही कुछ देर में तापमान सामान्य हो जाता है, वो सफेद धारियां गायब हो जाती हैं. यानी जेट की उड़ान के समय वायुमंडल में पानी की मात्रा जितनी अधिक होगी उतनी ही ज्यादा ये धारियां दिखाई देने की संभावना होगी.
यूनिवर्सिटी कॉरपोरेशन फॉर एटमॉस्फेरिक रिसर्च के मुताबिक, इस सफेद लाइनों (धारियों) को कॉन्ट्रेल्स कहा जाता है. ये तब दिखाई देते हैं जब जल वाष्प संघनित होता है. ये साइलेंसर जैसी व्यवस्था के जरिए संभव होता है, जब जहाज तेज स्पीड से उड़ान भरता है. कुछ लोग इसे लेकर ये मान सकते हैं कि शायद सरकार केमिकल छिड़कवा रही है. यह थ्योरी कुछ लोगों को अजीब लग सकती है. लेकिन ये भी सच है कि सबूत भले न हों लेकिन अमेरिका समेत दुनिया भर में केमट्रेल्स थ्योरी की चर्चा बहुत पहले से हो रही है. कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी से पीएचडी कर रहे सिजिया जिओ के मुताबिक, विज्ञान इन धारियों को contrails यानी condensation trails कहता है. ये तब बनती हैं जब विमान के इंजन से निकलने वाली जल वाष्प ठंडी होकर जम जाती है.
केमट्रेल्स कॉन्सपिरेसी थ्योरी के बारे में पहला जिक्र साल 1996 में मिलता है. यह चर्चा तब बड़े पैमाने पर हुई. जब अमेरिकी एयरफोर्स के एक रिसर्च लेटर में केमट्रेल्स को मौसम की भविष्यवाणी करने से जोड़कर देखा गया. उस दौर में पर्यावरण संरक्षण एजेंसी ने कहा था कि 'एयरोस्पेस फोर्स द्वारा इनका इस्तेमाल सैन्य उद्देश्यों को प्राप्त करने के साथ-साथ भविष्य के मौसम की भविष्यवाणी करने के लिए किया जाता है. लेकिन ये किसी सैन्य नीति, सैन्य अभ्यास या सैन्य क्षमता को प्रतिबिंबित नहीं करता है. आज भी इसे लेकर स्थिति साफ नहीं है. कुछ केमट्रेल्स को कथित जहरीला केमिकल समझते हैं. वो मानते हैं कि इसका इस्तेमाल मानवता को खत्म करने के लिए हो रहा है. जबकि अन्य लोगों का कहना है कि ये मन पर नियंत्रण के लिए हैं. तो कुछ सोचते हैं कि यह सरकार के लिए मौसम को नियंत्रित करने का एक तरीका है.
हालांकि ये आइडिया कि सरकारें लोगों पर केमिकल का छिड़काव करा रही हैं, ये पूरी तरह से आधारहीन नहीं है. रिसर्चर्स के मुताबिक शीत युद्ध के दौरान, ब्रिटिश सरकार ने आम जनता पर 750 से अधिक नकली रासायनिक युद्ध हमले किए. इस दौरान सैकड़ों हजारों लोगों को जिंक कैडमियम सल्फाइड के संपर्क में लाया गया. इस केमिकल को इसके छोटे साइज के कारण चुना गया. ये रोगाणुओं के समान है. तब सोचा गया था कि ये विषैला नहीं है. कुछ समय बाद पता चला कि बार-बार इसके संपर्क में आने से कैंसर हो सकता है. अमेरिका ने भी 1950-60 के दशक में ऐसा किया था. तब जैविक हथियारों के फैलाव का परीक्षण करने के लिए एक ट्रेसर के रूप में केमिकल का इस्तेमाल किया गया था.
इस थ्योरी पर साल 2021 में, एक फेसबुक पोस्ट वायरल हुई थी जिसमें दावा किया गया कि राष्ट्रपति जो बाइडेन ने केमट्रेल्स का इस्तेमाल करके मौसम में हेरफेर किया जो फरवरी में टेक्सास में पूरे एक हफ्ते के लिए भयानक ठंड की वजह बना. तब 10% अमेरिकियों ने साजिश को पूरी तरह सच माना, सामाजिक मनोविज्ञान की स्टडी कर रहे यूसी बर्कले के प्रोफेसर चेशायर ने कहा था कि 'स्मोकिंग गन' के सबूत नहीं मिले है. राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसी से जानकारी लीक करने वाले व्हिसलब्लोअर एडवर्ड स्नोडेन ने भी कहा है कि केमट्रेल्स कोई चीज नहीं हैं.
इन धारियों को लेकर साइंटिस्ट का कहना है कि धुएं की यह परत कितनी मोटी,पतली या लंबी होगी, यह इस बात पर निर्भर करता है कि विमान कितनी ऊंचाई पर उड़ रहा है. वहां का तापमान और आद्रता कितनी है. इसीलिए मौसम की भविष्यवाणी करने के लिए विभिन्न प्रकार के जेट कॉन्ट्रेल्स का उपयोग किया जाता है. उदाहरण के लिए, एक पतली, कम समय तक दिखने वाली कन्ट्रेल उच्च ऊंचाई पर कम आर्द्रता वाली हवा की ओर इशारा करती है. यह बताती है कि मौसम अच्छा है. और अगर एक मोटा और काफी देर तक कॉन्ट्रेल नजर आए तो पता चलता है कि मौसम में नमी है. यह तूफान के प्रारंभिक संकेत की जानकारी हो सकती है.
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