Mahashivratri Shiv Puja: महाशिवरात्रि, 8 मार्च पर शिव योग बन रहा है. 11 साल बाद ऐसा शुभ अवसर आया है जब महाशिवरात्रि पर शिव योग बना है. इस शुभ योग में सही विधि से पूजा करना शिव जी की अपार दिलाता है.
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Mahashivratri Puja Vidhi: आज 8 मार्च, शुक्रवार को महाशिवरात्रि पूरे देश में बहुत धूमधाम से मनाई जा रही है. शिव भक्तों के लिए यह दिन विशेष होता है. इस साल 11 साल बाद महाशिवरात्रि पर शिव योग का बेहद शुभ योग बन रहा है. इतना ही नहीं आज प्रदोष व्रत भी है. इस तरह इतने सारे शुभ योगों का एकसाथ बनना भगवान शिव की कृपा पाने का विशेष मौका है. महाशिवरात्रि की व्रत-पूजा करना जीवन के सारे कष्ट दूर कर देता है और अपार सुख-समृद्धि भी देता है. यदि महाशिवरात्रि व्रत-पूजा का पूरा फल पाना चाहते हैं तो शुभ मुहूर्त में सही विधि से पूजा करना बहुत जरूरी है.
महाशिवरात्रि पर पूजा का शुभ मुहूर्त
महाशिवरात्रि पर निशिता काल की पूजा का बड़ा महत्व है. महाशिवरात्रि पर निशिता काल का पूजा समय - 8 और 9 मार्च की रात 12:13 बजे से 01:01 बजे तक. इस तरह महाशिवरात्रि पर निशिता काल की पूजा करने के लिए केवल 49 मिनट का ही समय मिलेगा. वहीं महाशिवरात्रि व्रत के पारण का समय 9 मार्च की सुबह 06:41 बजे से दोपहर 03:35 बजे तक.
महाशिवरात्रि पर चार पहर की पूजा के मुहूर्त
8 मार्च को रात्रि प्रथम प्रहर पूजा समय - शाम 06:33 बजे से रात 09:35 बजे तक
रात्रि द्वितीय प्रहर पूजा समय - 8 मार्च की रात 09:35 बजे से देर रात 12:37 बजे तक
रात्रि तृतीय प्रहर पूजा समय - 8-9 मार्च की रात को 12:37 बजे से अलसुबह 03:39 बजे तक
रात्रि चतुर्थ प्रहर पूजा समय - 9 मार्च की अल सुबह 03:39 बजे से सुबह 06:41 बजे तक
शिवलिंग का करें अभिषेक
महाशिवरात्रि पर रुद्राभिषेक करने का बड़ा महत्व है. कम से कम शिवलिंग पर जल, दूध, बेलपत्र, भांग, धतूरा और पुष्प इत्यादि जरूर अर्पित करें. साथ ही महाशिवरात्रि की रात को रात्रि जागरण करें. इस दौरान शिव मंत्रों का जाप करें. भजन-कीर्तन करें. महाशिवरात्रि पूजन सामग्री की बात करें तो इसमें रुद्राक्ष, भस्म और त्रिपुंड, बिल्वपत्र, आक, कनेर, द्रोण, कुश धतूरा एवं शमी के फूल, अपामार्ग (चिचिड़ा), शमी के पत्ते और नीलकमल का उपयोग करना चाहिए.
घर पर महाशिवरात्रि पूजा करने की विधि
सबसे पहले चौकी पर थाली या परांत में मिट्टी से शिवलिंग बनाएं. फिर मिट्टी के बर्तन में पानी या दूध भरकर रखें. जल में चावल, गंगाजल मिलाकर शिवलिंग का अभिषेक करें. फिर पंचामृत से शिवलिंग का अभिषेक करें. बेलपत्र, धतूरा-आक के फूल, धतूरा आदि चढ़ाएं. इस दौरान 'ओम नमः शिवाय' मंत्र का जाप करें. संभव हो तो चारों प्रहर की पूजा करें और रात्रि जागरण करें. महाशिवरात्रि के दिन शिव पुराण का पाठ करें. व्रत कथा पढ़ें. भगवान शिव केले, मिठाई का भोग लगाएं.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)