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Choti Diwali: हिंदू धर्म शास्त्रों में दिवाली का त्योहार सबसे बड़ा त्योहार माना जाता है. दिवाली की शुरुआत धनतेरस के दिन से होती और भाई दूज के दिन इसका समापन होता है. वहीं, दिवाली से एक दिन पहले छोटी दिवाली या नरक चतुर्दशी का पर्व भी विशेष महत्पूर्ण है. इस दिन शास्त्रों में हनुमान जी की पूजा का विधान है.
बता दें कि नरक चौदस को रुप चौदस और काली चौदस के नाम से भी जाना जाता है. इस दिन यमराज, भगवान हनुमान और मां लक्ष्मी की पूजा का विधान है. वहीं, इस दिन को हनुमान जयंती के रूप में भी मनाया जाता है. कहते हैं कि इस दिन बजरंग बली का जन्म हुआ था और इस दिन पूजा करने से भक्तों के सभी संकट दूर होते हैं.
हनुमान जी के साथ होती है यमराज की पूजा
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार इस दिन मृत्यु के देवता यमराज की पूजा का भी विधान है. मान्यता है कि इस दिन यमराज की पूजा करने से व्यक्ति को लंबी उम्र का वरदान प्राप्त होता है. शास्त्रों में बताया गया है कि नरक चतुर्दशी के दिन अगर सच्चे मन से भगवान हनुमान जी की पूजा किया जाए, तो सभी कष्टों से मुक्ति मिलती है. साथ ही, जीवन में धन की प्राप्ति होती है. जानें नरक चतुर्थी पर हनुमान जी की पूजा विधि.
यूं करें नरक चतुर्दशी पर हनुमान जी की पूजा
- नरक चतुर्दशी के दिन सबसे पहले स्नान आदि से निवृत हो कर हनुमान जी के आगे दीपक जलाकर उनका ध्यान करना चाहिए. इसके बाद उनकी विधि-विधान से पूजा कर हनुमान चालीसा का पाठ जरूर करना चाहिए.
- अगर किसी व्यक्ति के घर के पास हनुमान जी का कोई मंदिर है तो वहां जरूर जाना चाहिए और बजरंग बलि को बूंदी का भोग लगाना चाहिए.
- अगर कोई व्यक्ति मनोकामनाओं को पूरा करना चाहते हैं तो हनुमान जी को चोला अर्पित करना चाहिए. इसके साथ ही बजरंग बलि को सिंदूर और चमेली का तेल चढ़ाना चाहिए.
- अगर कोई व्यक्ति चाहता है कि उसकी सभी परेशानियां दूर हो जाए तो किसी हनुमान मंदिर में जा कर इस मंत्र ‘ओम हं हनुमते नमः’ का कम से कम 108 बार जरूर करें. इससे मनचाहा फल मिलेगा.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)