Budh Pradosh Vrat 2024: आज आषाढ़ का पहला प्रदोष व्रत है, चूंकि यह बुधवार के दिन है इसलिए इसे बुध प्रदोष कहा जाएगा. प्रदोष काल में किए गए कुछ उपाय जीवन बदल सकते हैं.
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Budh Pradosh Vrat 2024: हिंदू धर्म में हर महीना दो पक्ष में बंटा होता है- कृष्ण पक्ष और शुक्ल पक्ष. इन दोनों पक्षों की त्रयोदशी तिथि भगवान शिव को समर्पित है. इन दोनों तिथियों में भगवान शिव के लिए प्रदोष व्रत रखा जाता है. प्रदोष व्रत रखने और भगवान शिव की पूजा-उपासना करने से हर मनोकामना पूरी हो जाती है. आषाढ़ कृष्ण पक्ष का प्रदोष व्रत आज 3 जुलाई 2024, बुधवार को है. बुधवार को प्रदोष होने के कारण इसे बुध प्रदोष कहा जाता है. बुध प्रदोष के दिन विधि-विधान से पूजा करने से जीवन में सुख-समृद्धि आती है, साथ ही तमाम समस्याओं से निजात मिलती है.
प्रदोष काल में की जाती है प्रदोष व्रत की पूजा
प्रदोष व्रत की पूजा प्रदोष काल में करने का ही महत्व है. आज 3 जुलाई को प्रदोष काल शाम 7:23 मिनट से लेकर रात 9:24 मिनट तक रहेगा. इस तरह प्रदोष व्रत की पूजा करने के लिए 2 घंटे 1 मिनट का समय मिलेगा. इस समय में विधि-विधान से शिव जी की पूजा करें.
प्रदोष व्रत पूजा विधि
प्रदोष व्रत की पूजा में शाम को स्नान करके सफेद रंग के वस्त्र धारण करें. फिर शिवजी की सच्चे मन से उपासना करें. महादेव को हरी वस्तुएं जैसे कि बेल पत्र, भांग, धतूरा आदि अर्पित करें. ध्यान रहे कि शिवजी और पार्वती जी के मंत्रों का जाप जरूर करें. ये मंत्र हैं- 'ॐ उमामहेश्वराभ्याम नमः' और 'ॐ गौरीशंकराय नम:'. इसके बाद शिव चालीसा पढ़ें और आरती करें. यदि प्रदोष व्रत नहीं भी कर रहे हैं तो पूरा दिन केवल सात्विक भोजन करें और शाम को पूजा करें.
बुध ग्रह के दुष्प्रभाव से मिलेगी निजात
बुध प्रदोष व्रत के दिन प्रदोष काल में शिवजी की उपासना करने से बुध ग्रह से जुड़ी समस्याओं का अंत हो सकता है. इससे बुद्धि एकाग्रता बढ़ती है. साथ ही करियर में तरक्की मिलती है. कारोबार अच्छा चलता है. वहीं कमजोर बुध चर्म रोग का कारण बनता है. वाणी में विकार पैदा करता है. साथ ही रुद्राक्ष की माला से 'ॐ ब्रां ब्रीं ब्रौं सः बुधाय नमः' मंत्र का जाप करें.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)