Shape of thumb: द्रोणाचार्य और एकलव्य की कहानी तो सभी को पता है कि वह गुरु द्रोणाचार्य की प्रतिमा को सामने रख कर एक श्रेष्ठ धनुर्धर बन गया था. लेकिन जब उसके गुरु ने गुरु दक्षिणा में उसका अंगूठा मांगा तो उसने जरा भी देर नहीं. इस कहानी से शरीर में अंगूठे का महत्व समझ में आता है.
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Hand thumb prediction: मानव शरीर परमपिता परमेश्वर की रचना का अनुपम उदाहरण है, मानव शरीर में उपस्थित हर अंग का अपना महत्व है, शरीर में ईश्वर ने हाथों को किसी कार्य को पूरा करने के लिए बनाया है और इन्हीं हाथों में सबसे आगे होता है पंजा जिसमें अंगूठा एक महत्वपूर्ण इकाई है. द्रोणाचार्य और एकलव्य की कहानी तो सभी को पता है कि वह गुरु द्रोणाचार्य की प्रतिमा को सामने रख कर एक श्रेष्ठ धनुर्धर बन गया था. लेकिन जब उसके गुरु ने गुरु दक्षिणा में उसका अंगूठा मांगा तो उसने जरा भी देर नहीं की और उसे अपने हाथों से काट कर अपने गुरु के चरणों में समर्पित कर दिया. इसके बाद वह कभी भी धनुष नहीं चला सका, इस कहानी से शरीर में अंगूठे का महत्व समझ में आता है.
अंगूठे की बनावट क्या कहती है?
1. अंगूठे की बनावट उस व्यक्ति के स्वभाव और गुणों के बारे में बताती है. मजबूत बिना झुके, स्तंभ के रूप में मध्यम लंबाई तथा सिर पर गोलाई लिए हुए अंगूठा दृढ़ निश्चयी व्यक्ति की निशानी है, ऐसा व्यक्ति कभी भी अपनी बात से नहीं डिगता है और जो बात एक बार कह देता है, उस अंत तक कायम रहता है भले ही उसका कितना ही नुकसान क्यों न हो जाए. ऐसे व्यक्ति निडर, विश्वसनीय और दूसरों को समय देने वाले होते हैं.
2. ऐसे व्यक्ति साहस का कार्य करने से कभी भी पीछे नहीं हटते हैं और दूसरों के भरोसे पर हमेशा खरे उतरते हैं, ऐसे लोग किसी भी व्यक्ति का कष्ट नहीं देख पाते और अपने सारे काम छोड़ कर उसकी परेशानी को दूर करने में लग जाते हैं फिर चाहे कितना ही समय क्यों न लग जाए. जब संबंधित व्यक्ति की समस्या का निस्तारण नहीं होता है, वह लगे ही रहते हैं. एक और विशेषता होती है इन लोगों में कि वह कभी किसी के अहसान तले नहीं दबना चाहिए इस मामले में संकोची रहते हैं और अपनी परेशानी किसी से भी नहीं कहते.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)