Jain Temple In MP: 'हवा में उड़कर आया है ये मंदिर इसलिए खुदाई में नहीं मिली नींव', वैज्ञानिक भी हैं हैरान
Advertisement
trendingNow11595121

Jain Temple In MP: 'हवा में उड़कर आया है ये मंदिर इसलिए खुदाई में नहीं मिली नींव', वैज्ञानिक भी हैं हैरान

Jain community in indore: भारत में एक से बढ़कर एक अनोखे मंदिर है जिनके अपने ही कुछ रहस्य हैं. कई मंदिरों ने तो वैज्ञानिकों को भी हैरान कर रखा है. ऐसा एक जैन मंदिर इंदौर में है जिसके बारे में स्थानीय लोग बताते हैं कि इसे यहां बनाया नहीं गया बल्कि ये हवा में उड़ कर आया हुआ है इसलिए इस मंदिर की नींव नहीं है.

फाइल फोटो

Banedia Ji Jain Mandir: भारत अपनी डाइवर्सिटी की वजह से पूरी दुनिया में मशहूर है. यहां पर अनेकों धर्म-संप्रदाय के लोग एक साथ मिलजुल कर रहते हैं और हर संप्रदाय के अपने-अपने तौर तरीके हैं. भारत में हर किसी संप्रदाय के एक से बढ़कर एक खूबसूरत और रहस्यमयी धार्मिक स्थल हैं. आज हम एक ऐसे मंदिर के बारे में आपको बताने जा रहे हैं जिसने वैज्ञानिकों को हैरान कर रखा है जिस मंदिर के बारे में यहां बताया जा रहा है, वह इंदौर के नजदीक बनेडिया गांव में बनेडिया जी का मंदिर है. इस मंदिर का संबंध जैन धर्म से है. यहां के लोगों का कहना है कि यह मंदिर यहां बनाया नहीं गया था बल्कि यह हवा में उड़ कर आया हुआ है इसलिए इस मंदिर की नींव नहीं है.

इंजीनियर ने की पड़ताल, फिर खुद हो गए हैरान

इसी बात की पड़ताल करने के लिए इंजीनियर की एक टीम ने मंदिर की खुदाई की. खुदाई करने के बाद जो परिणाम इंजीनियर को मिले वह बिल्कुल चौंकाने वाले थे. गांव वालों की बात इंजीनियर्स को भी बिल्कुल सही लगी कि इस मंदिर में नींव नहीं मिली. मंदिर की खुदाई के बाद इंजीनियर्स भी सोच में पड़ गए कि इतने बड़े मंदिर को बिना नींव के कैसे बनाया गया होगा और यह वर्तमान समय में भी इतने बड़े क्षेत्रफल को कवर करते हुए कैसे खड़ा है!

क्या है मंदिर की मान्यता?

मंदिर से जुड़ी यह कहानी दुनिया भर के श्रद्धालुओं को अपनी ओर आकर्षित करती है. देश-विदेश के पर्यटक यहां पर दर्शन करने के लिए आते हैं. स्थानीय लोगों के अनुसार इस मंदिर के बारे में एक किस्सा बहुत प्रचलित है कि इस विशेष मंदिर को एक ऋषि अपने साथ ले जा रहे थे लेकिन तभी वह अचानक से इसे रखकर तपस्या में लीन हो गए. शाम होने तक उन्होंने इस मंदिर को अपनी जहां से नहीं उठाया और तपस्या में ही बैठे रहें, जिसके बाद ये मंदिर अपनी जगह पर स्थाई हो गया. यह भव्य मंदिर अष्टकोणीय है जिसमें सपोर्ट देने के लिए एक भी खंबे का इस्तेमाल नहीं किया गया है. 6 से 8 फीट मोटी दीवारों वाले इस मंदिर में जैन समुदाय के पूजनीय भगवान अजीतनाथजी के मूर्ति की स्थापना की गई है.

हिंदी ख़बरों के लिए भारत की पहली पसंद ZeeHindi.com - सबसे पहले, सबसे आगे

Trending news