Earth mini moon 2024: पृथ्वी के चारों ओर चक्कर काट रही एक अनोखी अंतरिक्ष चट्टान ने वैज्ञानिकों को हैरान कर दिया है. इस 'लघु चंद्रमा' कहा जा रहा है. ताजा अपडेट यह है कि ये 'लघु चंद्रमा' अब अपने सफर पर आगे बढ़ने वाला है.
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Earth mini moon 2024: पृथ्वी के चारों ओर चक्कर काट रही एक अनोखी अंतरिक्ष चट्टान ने वैज्ञानिकों को हैरान कर दिया है. इस 'लघु चंद्रमा' कहा जा रहा है. ताजा अपडेट यह है कि ये 'लघु चंद्रमा' अब अपने सफर पर आगे बढ़ने वाला है. इस क्षुद्रग्रह को वैज्ञानिकों ने 2024 पीटी5 नाम दिया है. यह सोमवार को पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण क्षेत्र से बाहर चला जाएगा.
सूर्य की ओर तेजी से बढ़ेगा क्षुद्रग्रह
नासा के अनुसार सूर्य के गुरुत्वाकर्षण के कारण यह क्षुद्रग्रह तेज़ी से पृथ्वी से दूर जाएगा. हालांकि, जनवरी 2024 में यह एक बार फिर पृथ्वी के करीब आएगा, जब यह लगभग 18 लाख किलोमीटर की दूरी से गुजरेगा. इसके बाद यह सौर मंडल में अपनी यात्रा पर निकल जाएगा और 2055 तक वापस नहीं आएगा.
नासा की वैज्ञानिक जांच की तैयारी
नासा इस अनोखे क्षुद्रग्रह की जांच के लिए गोल्डस्टोन सौर प्रणाली रडार एंटीना का उपयोग करेगा. यह डिवाइस, जो डीप स्पेस नेटवर्क का हिस्सा है, वैज्ञानिकों को इस अंतरिक्ष चट्टान के बारे में और अधिक जानकारी जुटाने में मदद करेगा.
'लघु चंद्रमा' के रहस्य
वैज्ञानिकों का मानना है कि यह 33 फुट (10 मीटर) का पत्थर शायद चंद्रमा से ही उछलकर अंतरिक्ष में आया था. यह किसी बड़े क्षुद्रग्रह के प्रभाव से चंद्रमा से अलग हुआ हो सकता है. हालांकि, यह तकनीकी रूप से चंद्रमा नहीं है क्योंकि यह पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण में पूरी तरह से बंधा हुआ नहीं था.
खगोल भौतिकविदों की दिलचस्प खोज
इस क्षुद्रग्रह के अनोखे व्यवहार को सबसे पहले स्पेन के कॉम्प्लूटेंस विश्वविद्यालय के खगोल भौतिकविद भाइयों राउल और कार्लोस डी ला फुएंते मार्कोस ने पहचाना. उन्होंने कैनरी द्वीप के टेलीस्कोप की मदद से इसके 'घोड़े की नाल' आकार की कक्षा का अध्ययन किया.
धुंधला और दूर: सामान्य आंखों से अदृश्य
वर्तमान में यह क्षुद्रग्रह पृथ्वी से 35 लाख किलोमीटर दूर है, जो चंद्रमा से लगभग पांच गुना ज्यादा है. यह इतना छोटा और धुंधला है कि इसे शक्तिशाली दूरबीन के बिना देखना संभव नहीं है.
अगली यात्रा में तेज गति से गुजरेगा
अगस्त 2023 में पहली बार देखे गए इस क्षुद्रग्रह ने सितंबर के अंत में पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण में प्रवेश किया था. वैज्ञानिकों का कहना है कि जब यह जनवरी में वापस आएगा, तो इसकी गति सितंबर की तुलना में दोगुनी से भी अधिक होगी. यह लघु चंद्रमा वैज्ञानिक दृष्टिकोण से बेहद दिलचस्प है और नासा की जांच से इसके रहस्यों से पर्दा उठाने में मदद मिलेगी. इसका अध्ययन भविष्य में अंतरिक्ष के अनसुलझे पहलुओं को समझने के लिए महत्वपूर्ण साबित हो सकता है.
(एजेंसी इनपुट के साथ)