NOIRLab की टीम लीडर और शोधकर्ता एनीक ग्लौडेमैन्स ने एक बयान में कहा, "दिलचस्प बात यह है कि इस विशाल रेडियो जेट को शक्ति देने वाले क्वासर में अन्य क्वासरों की तुलना में अत्यधिक ब्लैक होल द्रव्यमान नहीं है.इससे यह संकेत मिलता है कि प्रारंभिक ब्रह्मांड में ऐसे शक्तिशाली जेट उत्पन्न करने के लिए आपको असाधारण रूप से विशाल ब्लैक होल या अभिवृद्धि दर की आवश्यकता नहीं है.
लेकिन ऐसा माना जाता है की सभी बड़ी आकाशगंगाओं में एक केन्द्रीय विशालकाय ब्लैक होल होता है जिसका द्रव्यमान कई लाख सूर्यों से भी बड़ा होता है लेकिन बावजूद इसके ये सभी ब्रहमांडीय टाइटन क्वासर को शक्ति प्रदान करने की क्षमता नहीं रखते हैं.
क्वासर तब बनते हैं जब सुपरमैसिव ब्लैक होल गैस और धूल के कण से घिरे होते हैं. यह गैस और धूल मिलकर एक घूमता हुआ बादल बनाते हैं जिसे एक्रीशन डिस्क कहा जाता है. एक्रीशन डिस्क में मौजूद सभी पदार्थ ब्लैक होल में नहीं जाते, कुछ को शक्तिशाली चुंबकीय क्षेत्रों द्वारा इसके ध्रुवों तक पहुंचाया जाता है.
J1601+3102 से निकलने वाले जेट विस्फोट को सबसे पहले अंतर्राष्ट्रीय लो-फ्रीक्वेंसी एरे (LOFAR) टेलीस्कोप द्वारा देखा गया था, जो यूरोप भर में स्थित रेडियो दूरबीनों का एक नेटवर्क है. इस खोज के बाद जेमिनी नियर-इन्फ्रारेड स्पेक्ट्रोग्राफ (GNIRS) ने इसका पता लगाया, जबकि हॉबी एबरली टेलीस्कोप ने इसे दृश्य प्रकाश में देखने का प्रयास किया.
शोध से टीम ने ये पाया की ब्लैक होल का द्रव्यमान 450 मिलियन सौर द्रव्यमान के बराबर है. लेकिन इसके साथ ही शोधकर्ता यह भी जानना चाहते हैं की यह किस दर से पदार्थ निगल रहे हैं या एक जगह पर इकट्ठा कर रहे हैं.
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