भारतीय सरकार ने देश के स्मार्टफोन निर्माताओं को अनुदेश जारी किया है कि उन्हें सुनिश्चित करना चाहिए कि फ़ीचर एफएम रेडियो सक्षम और उपलब्ध हो. आईटी मंत्रालय ने एक एडवाइजरी में कहा कि यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि जहां भी मोबाइल फोन इनबिल्ट एफएम रेडियो रिसीवर फंक्शन या फीचर से लैस है.
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कुछ साल पहले, Smartphones में बिल्ट-इन FM Radio आता था. हालांकि, हाल के वर्षों में इस चलन का समाप्त हो गया है और नए फोनों में एफएम रेडियो के साथ शिपमेंट में काफी कमी हुई है. आजकल इसे फीचर फ़ोनों और कुछ लो एंड डिवाइस में ही पाया जाता है. अब, भारतीय सरकार ने देश के स्मार्टफोन निर्माताओं को अनुदेश जारी किया है कि उन्हें सुनिश्चित करना चाहिए कि फ़ीचर एफएम रेडियो सक्षम और उपलब्ध हो.
मोदी सरकार का फोन कंपनियों को फरमान!
सरकार ने इंडियन सेल्युलर एंड इलेक्ट्रॉनिक्स एसोसिएशन (आईसीईए) और मैन्युफैक्चर्स एसोसिएशन फॉर इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी (एमएआईटी) से यह सुनिश्चित करने को कहा है कि प्राकृतिक आपदाओं के दौरान लोगों की मदद के लिए एफएम रेडियो सभी मोबाइल फोन पर उपलब्ध हो. आईटी मंत्रालय ने एक एडवाइजरी में कहा कि यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि जहां भी मोबाइल फोन इनबिल्ट एफएम रेडियो रिसीवर फंक्शन या फीचर से लैस है, वह फीचर अक्षम या निष्क्रिय नहीं है, बल्कि मोबाइल फोन में सक्षम/सक्रिय रखा गया है.
Apple की बढ़ी टेंशन
इस कदम से लोगों को प्राकृतिक आपदाओं के दौरान दूर-दराज के क्षेत्रों में रेडियो सेवा के माध्यम से जानकारी प्राप्त करने में मदद मिलेगी. आईटी मंत्रालय ने कहा कि पिछले 4-5 वर्षो के दौरान एफएम ट्यूनर सुविधा वाले मोबाइल फोन में भारी गिरावट आई है, जिससे न केवल गरीबों की मुफ्त एफएम रेडियो सेवा प्राप्त करने की क्षमता प्रभावित हुई है, बल्कि आपात स्थिति और आपदाओं के दौरान सरकार की प्रसार करने की क्षमता भी प्रभावित हुई है. भले ही अधिकांश स्मार्टफोन चिपसेट एफएम रेडियो का समर्थन करते हैं, यह ओईएम द्वारा अक्षम है. क्यूपर्टिनो स्थित तकनीकी दिग्गज Apple अपने iPhones पर FM रेडियो प्रदान नहीं करता है.
फोन में FM Radio होना जरूरी
मंत्रालय ने कहा, एफएम प्रसारण एक मजबूत और विश्वसनीय संचार प्रणाली है. एफएम स्टेशन स्थानीय अधिकारियों और प्राकृतिक आपदाओं (विनाशकारी स्थितियों में) के समय लोगों के बीच महत्वपूर्ण संचार लिंक के रूप में काम करते हैं. अंतर्राष्ट्रीय दूरसंचार संघ (आईटीयू) के अनुसार, आपातस्थिति और आपदा के समय में रेडियो प्रसारण प्रारंभिक चेतावनी देने और लोगों को जीवन बचाने के लिए सतर्क करने के सबसे शक्तिशाली और प्रभावी तरीकों में से एक है.
इसके अलावा, आपदाओं के दौरान एफएम-सक्षम मोबाइल फोन (नियमित स्टैंडअलोन रेडियो सेट और कार रिसीवर के अलावा) के माध्यम से त्वरित, समय पर और विश्वसनीय संचार की आवश्यकता है, क्योंकि इससे कीमती जीवन, आजीविका को बचाया जा सकता है और आपदाओं से निपटने के लिए हमें बेहतर तरीके से तैयार भी किया जा सकता है. मंत्रालय ने अपनी एडवाइजरी में कहा, 'देश में एफएम ट्रांसमीटर और एफएम रेडियो के विशाल नेटवर्क की उपलब्धता ने कोविड-19 महामारी के खिलाफ भारत की लड़ाई में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई.'
(इनपुट-आईएएनएस)