Ishwar Sahu: BJP का कट्टर हिंदुत्व चुनाव में चला या नहीं, ईश्वर साहू की जीत से समझिए
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Ishwar Sahu: BJP का कट्टर हिंदुत्व चुनाव में चला या नहीं, ईश्वर साहू की जीत से समझिए

Ishwar Sahu: छत्तीसगढ़ की साजा विधानसभा सीट (Saja Assembly Seat) चुनाव परिणाम घोषित होने के बाद से ही चर्चा में आ गई है. इसकी सुर्खियों में आने की वजह हैं यहां के विजयी उम्मीदवार ईश्वर साहू. साहू ने जिंदगी में पहला चुनाव लड़ा था. 

Ishwar Sahu: BJP का कट्टर हिंदुत्व चुनाव में चला या नहीं, ईश्वर साहू की जीत से समझिए

Chhattisgarh Election Results 2023: राजस्थान, छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश में बीजेपी की धमाकेदार जीत के बाद यह सवाल उठ रहा है कि पार्टी की कामयाबी में हिंदुत्व के मुद्दे का कितना योगदान है. हालांकि सवाल पर जानकार एकमत नहीं है लेकिन छत्तीसगढ़ में एक सीट ऐसी है जिसका चुनाव नतीजा इस सवाल का जवाब ढूंढने में मदद कर सकता है.

बेमेतरा जिले की साजा विधानसभा सीट (Saja Assembly Seat) चुनाव परिणाम घोषित होने के बाद से ही चर्चा में आ गई है. इसकी सुर्खियों में आने की वजह हैं यहां के विजयी उम्मीदवार ईश्वर साहू.

साहू ने बीजेपी के टिकट पर अपनी जिंदगी का पहला चुनाव लड़ा था. पहले ही चुनाव में साहू ने कांग्रेसी दिग्गज और राज्य सरकार में मंत्री रविंद्र चौबे को मात दे दी. गौरतलब है कि रविंद्र चौबे इस सीट से 7 बार चुनाव जीत चुके थे और आठवीं बार लड़ रहे थे. 

चुनाव आयोग की वेबसाइट के मुताबिक ईश्वर साहू को कुल 101789 वोट मिले वहीं रविंद्र चौबे को 96593 वोंट ही मिल सके. तीसरे स्थान पर निर्दलीय सुनील कुमार रहे जिन्हें 2874 वोट मिले.

कौंन हैं ईश्वर साहू
साहू का बेटा भुवनेश्वर साहू अप्रैल 2023 में साजा विधानसभा क्षेत्र के बीरनपुर गांव में हुई सांप्रदायिक हिंसा में मारा गया था. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, स्कूल से मारपीट से शुरू हुई घटना सांप्रदायिक दंगों में बदल गई. इस घटना में कुल तीन लोगों की मौत हुई थी जिनमें भुवनेश्वर भी शामिल था.

सरकार ने भुवनेश्वर साहू के परिवार के लिए 10 लाख रुपये के मुआवजे और सरकारी नौकरी का ऐलान किया था. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक ईश्वर साहू ने इसे लेने से इनकार कर दिया.

इसके बाद बीजेपी ने उन्हें टिकट देने का प्रस्ताव दिया जिसे पहले तो ईश्वर साहू ने ठुकरा दिया लेकिन बाद में स्वीकार कर लिया.

ईश्वर साहू द्वारा चुनाव आयोग को दिए हलफनामे में उन्होंने खुद क मजदूर बताया है. बिरनपुर प्राइमरी स्कूल से पांचवी पास हैं. उनके बैंक अकाउंट में करीब 16 लाख रुपये हैं. साहू का कहना है कि ये पैसा उनकी बेटे की मौत के बाद चंदे के तौर पर उन्हें मिला है.

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