Trump vows tariffs on nations that harm US: अमेरिका में जब से डोनाल्ड ट्रंप राष्ट्रपति बने हैं, पूरी दुनिया में हलचल पैदा है. ट्रंप का तेवर पूरी दुनिया जानती है, जो ट्रंप एक तरफ पीएम मोदी को अच्छा दोस्त कहते हैं, अमेरिका में पीएम मोदी कब आएंगे, इसका प्लान दुनिया को बताते हैं, वही ट्रंप दूसरी तरफ भारत समेत चार देशों पर बुरी नजर भी रखें हैं. जानिए आखिर ऐसा क्यों?
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Trump promises tariffs on countries: अमेरिका की राष्ट्रपति की कुर्सी पाने के बाद पहली बार डोनाल्ड ट्रंप ने सोमवार को भारत के पीएम नरेंद्र मोदी से बात की. मीडिया से बातचीत में ट्रंप ने बताया कि शायद फरवरी में पीएम मोदी अमेरिका भी आएं. पीएम मोदी ने भी अपने एक्स पर ट्रंप को अपना प्रिय मित्र बताया और लिखा 'अपने प्रिय मित्र राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से बात करके बहुत खुशी हुई. उनके ऐतिहासिक दूसरे कार्यकाल के लिए उन्हें बधाई दी.' पीएम मोदी ने कहा, 'हम परस्पर लाभकारी और विश्वसनीय साझेदारी के लिए प्रतिबद्ध हैं. हम अपने लोगों के कल्याण तथा वैश्विक शांति, समृद्धि एवं सुरक्षा के लिए मिलकर काम करेंगे.' यानी ट्रंप और पीएम मोदी दोनों के बीच रिश्तों की नींव मजबूत है. इसके बाद भी ट्रंप भारत समेत कई देशों पर कहर क्यों बरपाना चाहते हैं? आइए जानते हैं.
भारत पर ट्रंप की बुरी नजर क्यों?
राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है कि वह उन देशों पर शुल्क लगाएंगे जो अमेरिका को ‘नुकसान’ पहुंचाते हैं. उन्होंने चीन, भारत और ब्राजील को उच्च शुल्क वाले देशों में शामिल किया. ट्रंप ने सोमवार को फ्लोरिडा में कहा, ‘‘हम उन बाहरी देशों और बाहरी लोगों पर शुल्क लगाने जा रहे हैं जो वास्तव में हमें नुकसान पहुंचाना चाहते हैं. उनका इरादा भले ही हमें नुकसान पहुंचाना है, लेकिन वे खासतौर से अपने देश को अच्छा बनाना चाहते हैं.’ उन्होंने कहा, ‘‘देखिए, दूसरे क्या करते हैं. चीन बहुत अधिक शुल्क लेता है और भारत, ब्राजील तथा कई अन्य देशों की भी यही स्थिति है. इसलिए अब हम और ऐसा नहीं होने देंगे और हम अमेरिका को सबसे आगे ले जाएंगे.’’
अमेरिका पहले के नाम पर ट्रंप का टैक्स प्लान
उन्होंने कहा कि अमेरिका एक ‘‘बहुत निष्पक्ष प्रणाली स्थापित करेगा, जहां हमारे खजाने में धन आएगा और अमेरिका पुनः बहुत समृद्ध हो जाएगा.’’ उन्होंने कहा कि यह सब बहुत जल्द होगा. पिछले सप्ताह दिए गए अपने उद्घाटन भाषण का उल्लेख करते हुए ट्रंप ने कहा ‘‘दूसरे देशों को समृद्ध बनाने के लिए अपने नागरिकों पर कर लगाने के बजाय, हमें अपने नागरिकों को समृद्ध बनाने के मकसद से उन देशों पर शुल्क लगाना चाहिए.’’ उन्होंने कहा कि जैसे-जैसे अन्य देशों पर शुल्क बढ़ेगा तो अमेरिकी श्रमिकों और व्यवसायों पर कर कम हो जाएगा. संबोधन के दौरान ट्रंप ने कंपनियों से कहा कि अगर वे शुल्क से बचना चाहती हैं तो वे अमेरिका में आकर विनिर्माण इकाइयां स्थापित करें.
ट्रंप से पीएम मोदी की बातचीत पर अमेरिका क्या बोला?
उधर ‘व्हाइट हाउस’ ने मोदी और ट्रंप की बातचीत का ब्यौरा देते हुए बताया कि दोनों नेताओं ने मोदी की अमेरिका यात्रा की योजना पर भी चर्चा की. ट्रंप से ‘एयरफोर्स वन’ में पत्रकारों ने पूछा कि ‘‘क्या वह (मोदी) अवैध प्रवासियों को लेने के लिए सहमत हुए हैं’’ जिसके जवाब में राष्ट्रपति ने कहा, ‘‘वह (मोदी) वही करेंगे जो सही है. हम बातचीत कर रहे हैं.’’ ट्रंप ने ‘एयरफोर्स वन’ में पत्रकारों से कहा, ‘‘मैंने आज सुबह (सोमवार को) उनसे लंबी बातचीत की. वह संभवतः अगले महीने फरवरी में ‘व्हाइट हाउस’ आएंगे. भारत के साथ हमारे बहुत अच्छे संबंध हैं.’’
ट्रंप ने पीएम मोदी को लेकर क्या कहा?
ट्रंप ने प्रधानमंत्री मोदी के साथ सोमवार को फोन पर हुई बातचीत के बारे में पूछे जाने पर कहा, ‘‘(मोदी के साथ फोन पर बातचीत के दौरान) सभी विषयों पर चर्चा हुई.’’ फोन पर बातचीत के दौरान प्रधानमंत्री मोदी की अमेरिका यात्रा की योजना बनाई गई. यह राष्ट्रपति के रूप में ट्रंप के दूसरे कार्यकाल में मोदी की पहली अमेरिका यात्रा होगी.
ट्रंप के मोदी से खास रिश्ते
राष्ट्रपति के रूप में ट्रंप के पहले कार्यकाल में उनकी आखिरी विदेश यात्रा भारत की थी. ट्रंप और मोदी के बीच अच्छे मित्रवत संबंध हैं. दोनों ने सितंबर 2019 में ह्यूस्टन और फरवरी 2020 में अहमदाबाद में दो अलग-अलग रैलियों में हजारों लोगों को संबोधित किया था. नवंबर 2024 में ट्रंप की शानदार चुनावी जीत के बाद मोदी उनसे बात करने वाले विश्व के तीन शीर्ष नेताओं में शामिल थे.
किन मामलों पर पीएम मोदी और ट्रंप की हुई बात
‘व्हाइट हाउस’ ने फोन पर हुई बातचीत की जानकारी देते हुए कहा कि ट्रंप ने भारत से अमेरिका में निर्मित सुरक्षा उपकरणों की खरीद में वृद्धि करने और उचित द्विपक्षीय व्यापार संबंध की दिशा में आगे बढ़ने का आग्रह किया. उसने कहा, ‘‘आज राष्ट्रपति डोनाल्ड जे. ट्रंप ने भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ एक सार्थक बातचीत की. दोनों नेताओं ने सहयोग बढ़ाने और उसे गहरा करने पर चर्चा की. उन्होंने हिंद-प्रशांत, पश्चिम एशिया और यूरोप में सुरक्षा समेत कई क्षेत्रीय मुद्दों पर भी चर्चा की.’’ ‘
क्वाड के मिशन पर अमेरिका भारत एक
व्हाइट हाउस’ ने कहा, ‘‘राष्ट्रपति ने अमेरिका में निर्मित सुरक्षा उपकरणों की भारत द्वारा खरीद बढ़ाने और उचित द्विपक्षीय व्यापार संबंधों की दिशा में आगे बढ़ने के महत्व पर जोर दिया.’’ इसमें कहा गया, ‘‘नेताओं ने दोनों देशों के बीच मित्रता और रणनीतिक संबंधों की मजबूती को रेखांकित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी के ‘व्हाइट हाउस’ आने की योजनाओं पर चर्चा की.’’ मोदी और ट्रंप ने ‘‘अमेरिका-भारत रणनीतिक साझेदारी और हिंद-प्रशांत ‘क्वाड’ (चतुष्पक्षीय सुरक्षा संवाद) साझेदारी को मजबूत करने की अपनी प्रतिबद्धता पर जोर दिया. भारत इस साल के अंत में पहली बार क्वाड नेताओं की मेजबानी करेगा.’’ अमेरिका, भारत, जापान और ऑस्ट्रेलिया क्वाड के सदस्य देश हैं. वे क्षेत्र में चीन के बढ़ते सैन्य और आर्थिक दबदबे के बीच रक्षा और ऊर्जा जैसे विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग बढ़ा रहे हैं.
ट्रंप के रवैये से भारत भी परेशान?
कई अन्य देशों की तरह भारत में भी आव्रजन और शुल्कों के प्रति ट्रंप प्रशासन के दृष्टिकोण को लेकर कुछ चिंताएं हैं. ट्रंप ब्रिक्स समूह पर ‘‘100 प्रतिशत शुल्क’’ लगाने की बात पहले ही कर चुके हैं. इस समूह में भारत भी शामिल है. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने साप्ताहिक प्रेस वार्ता के दौरान व्यापार और आव्रजन से संबंधित मामलों पर अमेरिका के साथ भारत की बातचीत का उल्लेख किया और आशा व्यक्त की कि दोनों पक्ष किसी भी मुद्दे का समाधान करने में सक्षम होंगे. जायसवाल ने कहा कि मजबूत और बहुआयामी भारत-अमेरिका संबंधों में व्यापार का विशेष स्थान है. विदेश मंत्री एस जयशंकर ने ट्रंप के शपथ ग्रहण समारोह में 23 जनवरी को भारत का प्रतिनिधित्व करते हुए कहा था कि भारत अवैध रूप से रह रहे भारतीयों की वैध वापसी के लिए हमेशा तैयार रहा है. इनपुट भाषा से भी