El Salvador: अमेरिका और अल सेल्वाडोर के बीच हाल ही में एक समझौता हुआ है. इसके तहत अमेरिका अपने सारे प्रवासी अपराधियों और हिंसक नागरिकों को अपनी जेल में रखेगा. इनमें अमेरिका के हिंसक नागरिक भी होंगे.
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El Salvador: डोनाल्ड ट्रंप ने एक ओर जहां अपने देश से सभी अवैध प्रवासियों को वापस उनके देश भेजने का फैसला लिया है तो वहीं मध्य अमेरिका में बसे एक छोटे से देश अल सेल्वाडोर ने अमेरिका के सामने एक अजीब पेशकश की है. इसके तहत अल सेल्वाडोर से किसी भी राष्ट्र के अवैध अप्रवासियों और अमेरिका के हिंसक नागरिकों को अपने देश में रखेगा. अल सल्वाडोर के इस फैसले पर कई ह्यूमन राइट एक्टिविस्ट संगठनों ने आपत्ति जताई है.
अमेरिका के साथ समझौता
अमेरिका के विदेश मंत्री मार्को रूबियो और एल सल्वाडोर के राष्ट्रपति ने सोमवार 3 फरवरी 2025 को मुलाकात की. इसको लेकर रूबियो ने कहा कि अल सल्वाडोर ने अमेरिका के साथ दुनिया के सबसे असाधारण इमिग्रेशन समझौते को स्वीकार किया है. उन्होंने कहा कि ये देश अमेरिका में अवैध रूप से रह रहे किसी भी अपराधी को अपने पास लेता रहेगा. चाहे वह MS-13 या Tren de Argua गिरोह का सदस्य ही क्यों न हो.
जेल में रहेंगे अपराधी
अल सल्वाडोर ने अमेरिका के सामने उसके सबसे खतरनाक अपराधियों को भी अपने जेलों में रखने की पेशकश की है. भले ही वह अमेरिकी नागरिक क्यों न हो. इसको लेकर बुकेले ने अपने सोशल मीडिया पर लिखा कि वह केवल दोषियों को ही अपने मेगा प्रिजन ( CECOT) में रखेगा, लेकिन इसके बदले शुल्क लिया जाएगा. उन्होंने कहा कि भले ही यह शुल्क अमेरिका के लिए कम होगा, लेकिन ये हमारी जेल व्यवस्था के लिए काफी होगा.
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समझौते का हो रहा विरोध
बता दें कि अल सल्वाडोर के इस फैसले पर कई मानवधिकार संगठनों ने चिंता जताई है. वहीं खुद अल सल्वाडोर में विपक्षी पार्टियां इसका विरोध कर रही हैं. इसको लेकर विपक्ष का कहना है कि अल सल्वाडोर देश को एक ऐसी जगह बना देगा जहां अमेरिका अपना कचरा फेंकेगा. बता दें कि अल सल्वाडोर का कानून किसी भी संदिग्ध और अपराधी पर भेद नहीं करता है. कई संगठनों का कहना है कि वहां की जेलों में 80,000 से ज्यादा कैदी निर्दोष हो सकते हैं.