Singapore Drugs Law: सिंगापुर ने दुनिया के कुछ सबसे कठोर ड्रग्स कानूनों को बनाए रखा है और इसकी सरकार इस बात पर अड़ी है कि मृत्युदंड ड्रग्स के तस्करों को रोकने के लिए कारगर है
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Singapore News: सिंगापुर ने बुधवार को मौत की तमाम अंतरराष्ट्रीय अपीलों को नजरअंदाज करते हुए एक किलोग्राम गांजे की तस्करी के दोषी भारतीय मूल के एक शख्स को फांसी दे दी. लीलावती सुप्पिया ने सीएनएन को बताया कि उसके भाई तांगाराजू सुप्पिया (46) को चांगी जेल में बुधवार तड़के फांसी पर लटका दिया गया और परिवार को मृत्यु प्रमाण पत्र दे दिया गया.
सेंट्रल नारकोटिक्स ब्यूरो (CNB) के एक बयान के अनुसार, तंगराजू को पहली बार 2018 में ‘एक किलोग्राम से अधिक गांजा (1,017.9 ग्राम) की तस्करी को बढ़ावा देने’ के लिए मौत की सजा सुनाई गई थी. अदालत ने पाया कि वह सिंगापुर में गांजा की तस्करी करने की कोशिश में पकड़े गए दो अन्य लोगों के साथ फोन पर बात कर रहा था.
सीएनबी ने कहा कि उनकी दोषसिद्धि और मौत की सजा के खिलाफ पिछली अपीलों को अदालतों ने 2019 में खारिज कर दिया था, जबकि राष्ट्रपति की क्षमादान की याचिकाएं भी असफल रहीं.
‘तंगाराजू को कानून के तहत पूर्ण उचित प्रक्रिया प्रदान की गई’
सीएनबी के बयान में मृत्युदंड को ‘सिंगापुर की व्यापक नुकसान रोकथाम रणनीति का हिस्सा’ बताया गया है. बयान में कहा गया, ‘तंगाराजू को कानून के तहत पूर्ण उचित प्रक्रिया प्रदान की गई थी और पूरी प्रक्रिया के दौरान कानूनी परामर्शदाता तक उनकी पहुंच थी.’
तांगाराजू की सजा का सामाजिक संगठनों द्वारा विरोध किया गया. सिंगारपुर के पड़ोसी देशों सहित कई अन्य देशों ने ड्रग्स और मृत्युदंड के प्रति अधिक उदार दृष्टिकोण अपनाया है.
सिंगापुर में सबसे कठोर ड्रग्स कानून
सिंगापुर ने दुनिया के कुछ सबसे कठोर ड्रग्स कानूनों को बनाए रखा है और इसकी सरकार इस बात पर अड़ी है कि मृत्युदंड ड्रग्स के तस्करों को रोकने के लिए कारगर है और सार्वजनिक सुरक्षा बनाए रखने के लिए इसे लागू रहना चाहिए.
सिंगापुर के पड़ोसी देशों ने नरम किए कानून
पिछले साल थाइलैंड एशिया का पहला ऐसा देश बन गया जिसने जमीनी स्तर पर कार्यकर्ताओं के वर्षों के अभियान के बाद गांजाको अपराध की श्रेणी से बाहर कर दिया.’
सिंगापुर के निकटतम पड़ोसी मलेशिया ने अनिवार्य मौत की सजा को हटाने के लिए इस महीने की शुरुआत में व्यापक कानूनी सुधारों को पारित कर दिया.
तंगराजू की बहन ने क्या कहा?
तंगराजू की बहन लीलावती ने मौत की सजा दिए जाने से पहले अपने भाई से हुई मुलाकात का जिक्र करते हुए कहा, ‘जेल के अंदर से भी, वह अपनी बेगुनाही के लिए लड़ना चाहता था.’ उसने सीएनएन को बताया, ‘उन्हें विश्वास था कि एक निष्पक्ष सुनवाई होगी और वह अपनी बेगुनाही साबित करना चाहते थे - हर कदम पर.
(इनपुट - एजेंसी)