kenya Power Crisis: राज्य-संचालित केन्या पावर ने ब्लैकआउट के लिए ‘सिस्टम गड़बड़ी’ को जिम्मेदार ठहराया. केन्या पावर को बिजली की सप्लाई और वितरण में एकाधिकार प्राप्त है.
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Kenya Blackout News: केन्या में रविवार शाम को देश भर में बिजली कटौती देखने को मिले. देश के ज्यादातर हिस्से अंधेरे में डूब गए. इनमें राजधानी नैरोबी का मुख्य एयरपोर्ट भी शामिल है जो पूर्वी अफ्रीका को एशिया, यूरोप और दुनिया के अन्य हिस्सों से जोड़ने वाला एक प्रमुख परिवहन केंद्र है. देशभर में बिजली संकट स्थानीय समयानुसार रविवार रात 8 बजे शुरू हुआ. पिछले तीन महीनों के भीतर यह तीसरी राष्ट्रीय बिजली सप्लाई विफलता थी.
प्रभावित होने वाले प्रमुख प्रतिष्ठानों में नैरोबी में जोमो केन्याटा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के साथ ही पश्चिमी केन्या में एल्डोरेट एयरपोर्ट भी शामिल था, जहां पावर ग्रिड विफल होने के बाद इमरजेंसी बिजली जनरेटर चालू करने में विफल रहे.
केन्या पावर ने बताई बिजली कटौती की यह वजह
राज्य-संचालित केन्या पावर ने ब्लैकआउट के लिए ‘सिस्टम गड़बड़ी’ को जिम्मेदार ठहराया. एक बयान में कहा गया, 'बिजली व्यवस्था प्रभावित होने की आशंका के कारण हमने देश के विभिन्न हिस्सों में बिजली सप्लाई बंद कर दी है. हम कम से कम समय में सामान्य स्थिति बहाल करने के लिए काम कर रहे हैं. इस बारे में अपडेट उचित समय पर जारी किया जाएगा. असुविधा के लिए हम अपने ग्राहकों से क्षमा चाहते हैं.’
केन्या पावर को बिजली की सप्लाई और वितरण में एकाधिकार प्राप्त है, लेकिन वर्षों से उस पर खराब डिस्ट्रीब्यूशन और भ्रष्टाचार का आरोप लगता रहा है जिसके कारण केन्या में बिजली की लागत बहुत अधिक हो गई है.
देश के कुछ हिस्सों में बिजली दो घंटे बाद वापस आने की सूचना मिली. बता दें पिछले महीने इसी तरह के ब्लैकआउट के दौरान, देश के अधिकांश हिस्सों में बिजली बहाल करने में इंजीनियरों को 12 घंटे से अधिक का समय लगा था.
सबसे खराब रुकावट 25 अगस्त को देखी गई. यह केन्या के इतिहास की सबसे लंबी बिजली कटौती थी. इसका कारण अभी भी एक रहस्य बना हुआ है. जहां बिजली कंपनी अफ्रीका की सबसे बड़ी पवन फार्म को जिम्मेदार ठहरा रही है जिसने कि जिम्मेदारी पावर ग्रिड पर डाल दी है.
सोशल मीडिया पर लोगों का फूटा गुस्सा
सोशल मीडिया पर केन्याई लोगों ने रविवार की विफलता के बाद लगातार बिजली कटौती पर केन्या पावर से जवाब मांगा, जबकि अन्य लोगों ने एजेंसी का मजाक उड़ाया कि वह अन्य देशों की बिजली कंपनियों से भी बदतर है.
केन्या में नवीनतम ब्लैकआउट ऐसे समय में आया है जब देश ईंधन की उच्च कीमतों का सामना कर रहा है.