Pak Elections: वैसे तो पाकिस्तान में नाम मात्र का ही लोकतंत्र रह गया है. ऊपर से गजब का नजारा सामने आया है और बताया गया कि सर्दी के चलते चुनाव टाल दिया गया है. जबकि एक्सपर्ट्स इसकी उलट कहानी बता रहे हैं. इस फैसले को लेकर बकायदा सीनेट में प्रस्ताव दिया गया है.
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Senate In Pakistan: एक लोक कहावत है.. नाच ना जाने आंगन टेढ़ा.. यह कहावत पाकिस्तान के लोकतंत्र पर कई बार फिट बैठ जाती है. ऐसी ही एक और कहानी सामने आ गई है. बेचारी पाकिस्तान की जनता तो वहां लोकतंत्र के लिए जी तोड़ मेहनत कर रही है लेकिन वहां के हुक्मरान हैं कि वे अपना ही उल्लू सीधा करने में लगे हैं. अब जबकि वहां आम चुनाव का समय था तो बता दिया गया कि सर्दी बहुत है इसलिए चुनाव नहीं हो पाएंगे. इसके लिए बकायदा संसद के उच्च सदन में शुक्रवार को एक प्रस्ताव पारित किया गया, जिसमें सुरक्षा चिंताओं के कारण चुनाव में देरी करने की मांग की गई. कहा जा रहा है कि जल्द ही इस पर मुहर लग सकती है. चुनाव आठ फरवरी को होने वाले थे जिसके आसार अब तो नहीं ही दिख रहे हैं. इस देरी के दूसरे पहलू को देखने की जरूरत है.
तीन प्रमुख पार्टियों के बीच वर्चस्व की जंग?
दरअसल, यह बात सही है कि वहां तीन प्रमुख पार्टियों के बीच वर्चस्व की जंग है. जिसमें इमरान खान की पार्टी तहरीके इंसाफ को निपटाने के लिए बाकी दोनों पार्टियां लगी हुई हैं. क्योंकि पिछले चुनाव के बाद जब इमरान खान की सरकार बनी तो उसके बाद काफी नाटकीय घटनाक्रम देखने को मिला. धीरे-धीरे विपक्षी एकजुट हो गए और उन्होंने इमरान का तख्तापलट कर दिया. इसके बाद सबने मिलकर शहबाज के नेतृत्व में सरकार बना ली और इमरान खान को जेल पहुंचा दिया गया. इसके बाद नवाज शरीफ की वापसी हुई और अब उनकी पार्टी उनके ही नेतृत्व में चुनाव लड़ रही है.
क्या कहते हैं एक्सपर्ट्स?
पाकिस्तान की राजनीति पर नजर रखने वाले विशेषज्ञों का मानना है कि सर्दी का सिर्फ बहाना बनाया जा रहा है. सत्तारूढ़ पार्टी अभी भी कुछ ऐसे कारनामों को करने में लगी होगी जिससे चुनाव में उसका फायदा हो क्योंकि पाकिस्तान की जनता अभी भी आए दिन इमरान खान से संवेदना जता रही है. वहां अधिकांश लोगों का ऐसा मानना है कि इमरान को गलत तरीके से जेल में गया है. यह बात सही है कि सर्दी पाकिस्तान में भी पड़ रही है लेकिन चुनाव के ऐलान तो पहले ही चुके थे और यह तय था कि इसी समय चुनाव कराए जाएंगे.
क्या हुआ था घटनाक्रम
पाकिस्तान संसद का पांच साल का कार्यकाल आधिकारिक तौर पर 12 अगस्त को खत्म होना था. लेकिन 9 अगस्त 2023 की आधी रात को पाकिस्तान की संसद भंग कर दी गई थी. पाकिस्तान के राष्ट्रपति आरिफ अल्वी ने प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ की सलाह पर आधीरात में भंग कर दी थी. इसके साथ ही शहबाज शरीफ सरकार का कार्यकाल भी समाप्त हो गया था. संसद को भंग करने को लेकर जारी नोटिफिकेशन में कहा गया था कि नेशनल असेंबली को संविधान के आर्टिकल 58 के तहत भंग किया गया है. इसके बाद कयास थे कि अब सरकार तभी चुनाव कराएगी जब उसके पक्ष में चीजें हो जाएंगी.
अब आगे क्या होगा
फिलहाल पाकिस्तान में आम चुनाव के लिए 8 फरवरी को चुनाव की तारीख तय की गई थी, लेकिन संसद में चुनाव की तारीख टालने को लेकर एक प्रस्ताव पारित कर दिया गया है जिस पर जल्द ही मुहर लग सकती है. कहा गया है कि मौसम और सुरक्षा को देखते हुए फिलहाल चुनाव टाल देने चाहिए. लेकिन इस प्रस्ताव का विरोध भी हुआ है. अंतरिम कार्यवाहक सूचना मंत्री मुर्तजा सोलांगी और पीएमएल-एन सांसद अफनान उल्लाह खान ने ही इस प्रस्ताव का विरोध किया है. अब देखना होगा कि इस पर क्या फैसला आ सकता है. क्या यह अंतरिम सरकार की मर्जी से हुआ है या अंतरिम सरकार इसमें शामिल नहीं है.