PM Narendra Modi: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों के बीच कई मुद्दों पर बातचीत हुई. इस दौरान दोनों नेताओं ने अपने बाइलेट्रल कोऑपरेशन में हुई तरक्की की सराहना की और इसे और तेज करने की प्रतिबद्धता व्यक्त की. बैठक के दौरान दोनों नेताओं ने हिंद-प्रशांत क्षेत्र और रूस-यूक्रेन जंग जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर भी चर्चा की.
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PM Narendra Modi: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दो दिवसीय फ्रांस दौरे पर हैं. उन्होंने पेरिस में राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों से मुलाकात की और द्विपक्षीय सहयोग और इंटरनेशनल पार्टनरशिप को लेकर बातचीत की. इस दौरान दोनों नेताओं ने संयुक्त बयान भी जारी किया, जिसमें उन्होंने भारत-फ्रांस संबंधों में हुई प्रगति की सराहना की और इसे और आगे बढ़ाने की प्रतिबद्धता जताई.
रणनीतिक सहयोग और वैश्विक मुद्दों पर हुई चर्चा
बैठक के दौरान दोनों नेताओं ने हिंद-प्रशांत क्षेत्र और रूस-यूक्रेन युद्ध जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की. उन्होंने रक्षा, परमाणु ऊर्जा और अंतरिक्ष क्षेत्र में रणनीतिक सहयोग को मजबूत करने पर भी जोर दिया. संयुक्त बयान में कहा गया, 'भारत-फ्रांस रणनीतिक साझेदारी के सभी पहलुओं पर चर्चा हुई. दोनों नेताओं ने रक्षा, नागरिक परमाणु ऊर्जा और अंतरिक्ष क्षेत्र में सहयोग की समीक्षा की. साथ ही उन्होंने प्रौद्योगिकी और नवाचार में सहयोग को और बढ़ाने के तरीकों पर भी विचार किया.'
भारत और फ्रांस 2026 में 'इनोवेशन का साल' मनाने वाले हैं, जिससे दोनों देशों के बीच विज्ञान और तकनीक के क्षेत्र में साझेदारी को और मजबूती मिलेगी. इसके अलावा दोनों देशों के व्यापार और निवेश को बढ़ावा देने के लिए 14वें भारत-फ्रांस सीईओ फोरम की रिपोर्ट का स्वागत किया गया.
मैक्रों ने मोदी के साथ किया फ्रांस का दौरा
मंगलवार को प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति मैक्रों ने फ्रांसीसी राष्ट्रपति के विशेष विमान से पेरिस से मार्सिले तक यात्रा की. दोनों नेताओं ने भारत के नए वाणिज्य दूतावास का उद्घाटन किया और इंटरनेशनल थर्मोन्यूक्लियर एक्सपेरिमेंटल रिएक्टर (ITER) सुविधा का भी दौरा किया.
प्रधानमंत्री मोदी ने एक बार फिर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) में सुधार की जरूरत पर जोर दिया. उन्होंने कहा कि वर्ल्ड को इफेक्टिव और न्यायसंगत वैश्विक व्यवस्था की जरूरत है, जिससे मौजूदा और भविष्य की चुनौतियों से निपटा जा सके. फ्रांस ने भारत की स्थायी सदस्यता का समर्थन किया और दोनों देशों ने सिक्योरिटी काउंसिल में सुधार पर मिलकर काम करने का फैसला किया.
रक्षा सहयोग को नई ऊंचाई
रक्षा क्षेत्र में सहयोग को बढ़ाने के लिए दोनों नेताओं ने स्कॉर्पीन पनडुब्बी परियोजना की प्रगति की सराहना की. इस परियोजना के तहत भारत में निर्मित पनडुब्बियों में डीआरडीओ द्वारा विकसित एयर इंडिपेंडेंट प्रोपल्शन (AIP) सिस्टम और इंटीग्रेटेड कॉम्बैट सिस्टम (ICS) को शामिल करने पर विचार किया गया.
इसके अलावा, दोनों नेताओं ने मिसाइल, हेलीकॉप्टर इंजन और जेट इंजन के निर्माण में सहयोग पर चर्चा की. भारत ने फ्रांस को पिनाका मल्टी-बैरल रॉकेट लॉन्चर (MBRL) सिस्टम पर विचार करने के लिए आमंत्रित किया, जिससे दोनों देशों के बीच डिफेंस रिलेशन और मजबूत होंगे. साथ ही फ्रांस ने भारत को यूरोड्रोन MALE प्रोग्राम में सुपरवाइजर के रूप में शामिल करने का फैसला लिया, जो डिफेंस इक्विपमेंट कार्यक्रमों में दोनों देशों की साझेदारी को और मजबूत करेगा.
हिंद-प्रशांत और वैश्विक शांति की प्रतिबद्धता
दोनों नेताओं ने हिंद-प्रशांत क्षेत्र में शांति, स्थिरता और सुरक्षा को बनाए रखने की आवश्यकता पर भी बल दिया. उन्होंने वैश्विक मंचों पर सक्रिय भागीदारी बढ़ाने का भी संकल्प लिया. इसके अलावा, उन्होंने सीमा पार आतंकवाद की कड़ी निंदा की और टेरर फंडिंग नेटर्क और सुरक्षित पनाहगाहों को खत्म करने पर जोर दिया. संयुक्त बयान में कहा गया कि कोई भी देश उन लोगों को शरण नहीं दे सकता जो आतंकवादी गतिविधियों की योजना बनाते हैं या उनका समर्थन करते हैं.
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद 1267 प्रतिबंध कमेटी के तहत आतंकवादी संगठनों से जुड़े व्यक्तियों पर प्रतिबंध लगाने के लिए समन्वित कोशिशों पर भी सहमति बनी. भारत और फ्रांस ने फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) और नो मनी फॉर टेरर (NMFT) जैसे मंचों पर मिलकर काम करने की प्रतिबद्धता जताई.