पीएम मोदी ने फ्रांस के राष्ट्रपति को भेंट की भारत की सदियों पुरानी कला से बनी अनमोल मूर्ति, जानिए इसकी खासियत
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पीएम मोदी ने फ्रांस के राष्ट्रपति को भेंट की भारत की सदियों पुरानी कला से बनी अनमोल मूर्ति, जानिए इसकी खासियत

PM Modi News: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपनी फ्रांस की यात्रा खत्म कर के अमेरिका रवाना हो गए हैं. उन्हें फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों खुद छोड़ने के लिए एयरपोर्ट तक आए. पीएम मोदी रवाना होने से पहले राष्ट्रपति मैक्रों को एक खास उपहार भी दिए. उन्होंने मैक्रों को छत्तीसगढ़ में बनी एक अनमोल मूर्ति भेंट की. आइए जानते हैं इस मूर्ति की क्या है खासियत.   

पीएम मोदी ने फ्रांस के राष्ट्रपति को भेंट की भारत की सदियों पुरानी कला से बनी अनमोल मूर्ति, जानिए इसकी खासियत

PM Modi News: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ( PM Modi ) दो देशों के विदेश दौरे पर हैं. वो फ्रांस की अपनी यात्रा खत्म कर अमेरिका के लिए रवाना हो गए . फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों खुद उन्हें छोड़ने के लिए एयरपोर्ट तक आए. उन्होंने गले लगाकर पीएम मोदी को विदा किया. पीएम मोदी ने फ्रांस से रवाना होने से पहले राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों को खास उपहार भी दिए. उन्होंने फ्रांसीसी के राष्ट्रपति मैक्रों को डोकरा कलाकृति - संगीतकारों द्वारा जड़ित पत्थर की कलाकृति गिफ्ट में दी.

पीएम नरेंद्र मोदी का फ्रांस दौरा दोनों देशों के रिश्तों के नजरिए से खासा अहम रहा. इस दौरान मोदी और मैक्रों ने अपनी गहरी दोस्ती को भी जाहिर किया. पीएम मोदी की यात्रा के पहले दिन राष्ट्रपति मैक्रों की तरफ से आयोजित डिनर में दोनों नेताओं ने बातचीत की. अगले दिन 'AI एक्शन समिट' में भी यह सौहार्दपूर्ण माहौल जारी रहा. भारत और फ्रांस ने संयुक्त रूप से शिखर सम्मेलन की मेजबानी की.

पीएम मोदी ने फ्रांस से रवाना होने से पहले अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर लिखा, 'धन्यवाद फ्रांस! एक सार्थक यात्रा खत्म हुई, जहां मैंने AI, वाणिज्य, ऊर्जा और सांस्कृतिक संबंधों से लेकर कई कार्यक्रमों में भाग लिया. राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों और फ्रांस के लोगों का आभार.

छत्तीसगढ़ की प्राचीन धातु कला
डोकरा कला छत्तीसगढ़ की प्रसिद्ध पारंपरिक धातु-ढलाई कला है, जिसे खोई-मोम तकनीक से बनाया जाता है. यह कला आदिवासी संस्कृति और परंपराओं से जुड़ी हुई है और इसमें बारीक डिजाइन और जटिल शिल्प कौशल देखने को मिलता है.

यह कलाकृति मुख्य रूप से पीतल और तांबे से बनाई जाती है. इसमें कलाकार मूर्तियों को हाथ से आकार देते हैं और फिर धातु ढालने की प्रक्रिया अपनाते हैं. इसे कई बार और आकर्षक बनाने के लिए मूंगा और लैपिस लाजुली जैसे रंगीन पत्थरों का उपयोग भी किया जाता है.

डोकरा कला की खासियत 
डोकरा मूर्तियों में आमतौर पर पारंपरिक जीवन, पशु-पक्षी, देवी-देवता और संगीतकारों को दिखाया जाता है. खासकर, संगीतकारों को गतिशील मुद्रा में उकेरना इस कला की खासियत है, जो संगीत के महत्व को दर्शाता है.

डोकरा कला केवल सजावट के लिए नहीं होती, बल्कि यह भारतीय संस्कृति और आदिवासी परंपराओं की गहरी झलक भी देती है. यह कला प्राचीन तकनीक और आधुनिक सौंदर्य का अनूठा संगम है. कारीगरों की मेहनत और कला प्रेम के कारण यह कला आज भी जीवंत है और देश-विदेश में इसकी काफी मांग है.

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