Italy News: 81 वर्षीय वामपंथी क्लासिकिस्ट लुसियानो कैनफोरा को केस लड़ने में कई इतालवी और विदेशी बुद्धिजीवियों ने समर्थन दिया है. वह बारी विश्वविद्यालय में ग्रीक और लैटिन भाषाशास्त्र के पूर्व प्रोफेसर रहे हैं और इटली में काफी प्रसिद्ध हैं.
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Giorgia Meloni News: एक इतालवी अदालत ने मंगलवार को प्रधान मंत्री जियोर्जिया मेलोनी (Giorgia Meloni) द्वारा लाए गए एक नए मानहानि मामले को हरी झंडी दे दी. यह मुकदमा एक इतिहासकार के खिलाफ जिसने धुर दक्षिणपंथी नेता को 'दिल से नया-नाज़ी (Neo-Nazi)' कहा था. ट्रायल 7 अक्टूबर को शुरू होने वाला है.
मेलीनी के पीएम बनने से 6 महीने पहले 81 वर्षीय वामपंथी क्लासिकिस्ट लुसियानो कैनफोरा ने अप्रैल 2022 में दक्षिणी इटली के बारी में एक स्कूल में बहस के दौरान यह टिप्पणी की थी.
पत्रकार पर भी कर चुकी हैं केस
यह पहली बार नहीं है जब मेलोनी ने अपने किसी आलोचक पर मुकदमा दायर किया हो. उन्होंने पिछले साल पत्रकार रॉबर्टो सविआनो के खिलाफ एक केस जीता था. कोर्ट ने पत्रकार पर 1,000 यूरो का निलंबित जुर्माना लगाया था. सविआनो ने प्रवासियों पर मेलोनी के रुख की आलोचना की थी.
एएफपी से बात करते हुए, कैनफोरा ने कहा कि उन्हें कोई पछतावा नहीं है. वह बारी विश्वविद्यालय में ग्रीक और लैटिन भाषाशास्त्र के पूर्व प्रोफेसर रहे हैं और इटली में काफी प्रसिद्ध हैं.
कैनफोरा ने कहा, 'जब आप नव-नाज़ी कहते हैं, तो आप किसी ऐसे व्यक्ति के बारे में नहीं सोचते हैं जो अपराध कर रहा है, या हत्याएं कर रहा है, आप किसी ऐसे व्यक्ति के बारे में सोचते हैं जिसके पास अभी भी कुछ विचार, कुछ मानसिक दृष्टिकोण हैं जो अतीत की याद दिलाते हैं.'
कैनफोरा ने और क्या कहा?
कैनफोरा ने कहा कि अपनी 2021 की आत्मकथा 'आई एम जियोर्जिया' में मेलोनी ने जियोर्जियो अलमीरांटे सहित इटली के युद्ध के बाद के धुर दक्षिणपंथी नेताओं के बारे में लिखा था. अलमीरांटे अब समाप्त हो चुकी इटालियन सोशल मूवमेंट (एमएसआई) के संस्थापकों में से एक थे. यह दूसरे विश्व युद्ध के बाद फासीवादी तानाशाह बेनिटो मुसोलिनी के समर्थकों द्वारा बनाई गई पार्टी थी.
मेलोनी की ब्रदर्स ऑफ़ इटली पार्टी एमएसआई के राजनीतिक वंशज हैं. हालांकि उन्होंने पदभार ग्रहण करते समय संसद में कहा था कि उन्होंने 'फ़ासीवाद सहित... अलोकतांत्रिक शासनों के प्रति कभी भी सहानुभूति या निकटता महसूस नहीं की.'
कैनफोरा को केस लड़ने में कई इतालवी और विदेशी बुद्धिजीवियों ने समर्थन दिया है, फ्रांसीसी वामपंथी अखबार लिबरेशन ने उसका समर्थन करने के लिए एक याचिका का आयोजन किया है.