नई दिल्ली. Utpanna Ekadashi 2022 उत्पन्ना एकादशी का हिंदू धर्म में विशेष महत्व है. कहते हैं कि उत्पन्ना एकादशी से ही एकादशी के व्रत की शुरुआत हुई थी. इसे कन्या एकादशी के नाम से भी जाना जाता है. उत्पन्ना एकादशी मार्गशीर्ष माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी को पड़ती है. इस दिन भगवान विष्णु की विधि-विधान के साथ पूजा अर्चना की जाती है. कहते हैं कि इस दिन व्रत और श्री हरि की उपासना आदि करने से भक्तों के कष्ट दूर होते हैं और उनकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं.
एकादशी के दिन व्रत उपवास करने से अश्वमेघ यज्ञ के समतुल्य फलों की प्राप्ति होती है. इतना ही नहीं, ऐसी भी मान्यता है कि एकादशी की रात जागरण करने से भगवान की विशेष कृपा प्राप्त होती है. अगर कोई व्यक्ति एकादशी का व्रत शुरु करना चाहता है तो उत्पन्ना एकादशी के दिन से शुरू कर सकते हैं.
उत्पन्ना एकादशी पर पूजा मुहूर्त
इस साल उत्पन्ना एकादशी 20 नवंबर 2022 को पड़ रही है. पूजा का शुभ मुहूर्त सुबह 08 बजकर 07 मिनट से दोपहर 12 बजकर 07 मिनट तक है.
उत्पन्ना एकादशी का महत्व
उत्पन्ना एकादशी व्रत करने से भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है. इस व्रत को करने से पाप नष्ट हो जाते हैं. साथ ही इस दिन दान करने से कई गुना पुण्य फल की प्राप्ति होती है.
(Disclaimer: यहां दी गई सभी जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. Zee Hindustan इसकी पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर ले लें.)
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