नई दिल्लीः कर्नाटक में विपक्षी दल कांग्रेस द्वारा अपने घोषणापत्र में बजरंग दल पर प्रतिबंध लगाने की घोषणा के एक दिन बाद दक्षिणपंथी संगठन ने कहा कि उसने गुरुवार को राज्य में हनुमान चालीसा पाठ आयोजित करने का फैसला किया है. कांग्रेस ने 10 मई को होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए अपने घोषणापत्र में कहा है कि वह जाति और धर्म के आधार पर समुदायों के बीच नफरत फैलाने वाले व्यक्तियों और संगठनों के खिलाफ दृढ़ और निर्णायक कार्रवाई करने के लिए प्रतिबद्ध है.
जानिए कांग्रेस के घोषणापत्र में क्या है
कांग्रेस ने घोषणापत्र में कहा, ‘‘हमारा मानना है कि कानून और संविधान पवित्र है. कोई व्यक्ति या बजरंग दल, पीएफआई और नफरत एवं शत्रुता फैलाने वाले दूसरे संगठन, चाहे वह बहुसंख्यकों के बीच के हों या अल्पसंख्यकों के बीच के हों, वे कानून और संविधान का उल्लंघन नहीं कर सकते. हम ऐसे संगठनों पर कानून के तहत प्रतिबंध लगाने समेत निर्णायक कार्रवाई करेंगे.’’
बजरंग दल ने की निंदा
बुधवार को बजरंग दल ने कहा कि वह राज्य भर में हनुमान चालीसा का पाठ आयोजित करेगा. दक्षिणपंथी संगठन ने एक बयान में कहा, ‘‘यह वह समय है जब धर्म खतरे में है और एक साथ खड़ा होना ही आगे बढ़ने का एकमात्र तरीका है. हमें अपने मतभेदों को परे रखकर धर्म की रक्षा के लिए एक साथ आना चाहिए और हाथ मिलाना चाहिए.’’ विश्व हिंदू परिषद (विहिप) ने भी इस आह्वान का समर्थन किया है.
विजयनगर जिले के होसपेटे में मोदी ने मंगलवार को कांग्रेस के चुनावी घोषणापत्र में बजरंग दल पर प्रतिबंध लगाने की घोषणा को लेकर निशाना साधा. उन्होंने कहा, ‘‘कांग्रेस ने अपने घोषणापत्र में बजरंगबली को ताले में बंद करने का निर्णय लिया है. पहले उन्होंने प्रभु श्री राम को ताले में बंद किया और अब जय बजरंगबली बोलने वालों को ताले में बंद करने का संकल्प लिया है.
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