क्या मिलिट्री ट्रेनिंग और रणनीति में इस्तेमाल होगी 'चाणक्य नीति'! सेना के स्वदेशीकरण पर सरकार का जोर

बीते साल मार्च महीने में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुजरात के केवडिया में सेनाओं के आधुनिकीकरण पर जोर दिया था. उसी के बाद से सेनाओं में पुरातनपंथी नियमों और औपनिवेशिक प्रतीक चिन्हों को हटाए जाने की प्रक्रिया तेज हो गई है.

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Sep 20, 2022, 06:19 PM IST
  • मिलिट्री ट्रेनिंग में चाणक्य नीति का इस्तेमाल?
  • सेना की आधुनिकीकरण पर दिया जा रहा जोर
क्या मिलिट्री ट्रेनिंग और रणनीति में इस्तेमाल होगी 'चाणक्य नीति'! सेना के स्वदेशीकरण पर सरकार का जोर

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली NDA सरकार लगातार भारतीय सेनाओं के स्वदेशीकरण पर जोर दे रही है. इसी क्रम में हाल ही में नेवी को नया ध्वज मिला है. इस ध्वज पर नीचे संस्कृत भाषा में 'शं नो वरुण:' लिखा है. जिसका अर्थ है 'हमारे लिए वरुण शुभ हों'. झंडे पर मौजूद सेंट जॉर्ज क्रॉस अब अतीत बनकर रह गया है. लेकिन अभी यह क्रम लगातार चलने वाला है और सेनाओं से औपनिवेशिक प्रतीक चिन्हों हटाया जाता रहेगा. 

दरअसल बीते साल मार्च महीने में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुजरात के केवडिया में सेनाओं के आधुनिकीकरण पर जोर दिया था. उसी के बाद से सेनाओं में पुरातनपंथी नियमों और औपनिवेशिक प्रतीक चिन्हों को हटाए जाने की प्रक्रिया तेज हो गई है. केवडिया में तीनों सेनाओं और डिपार्टमेंट ऑफ मिलिट्री अफेयर्स (DMA) की तरफ से देश की सैन्य-ताकत और ऑपरेशन्ल तैयारियों और आधुनिकिकरण सहित डिफेंस-रिर्फोम्स (थियेटर कमान इत्यादि) पर प्रेजेटेंशन दिया गया था.

परिवर्तनों का दौर होगा अमृत काल 
अब न्यूज़18 पर प्रकाशित एक रिपोर्ट के मुताबिक अमृत काल यानी 2022 से 2047 तक के वक्त में कई परिवर्तन किए जाएंगे. सूत्रों के हवाले से बताया गया है कि बदलाव की इस प्रक्रिया में बड़े स्तर पर विचार विमर्श किया जाएगा. रिपोर्ट के मुताबिक 75 पुरातनपंथी कानूनों, प्रैक्टिस और प्रक्रियाओं को भी आगे तीनों सेनाओं से हटाने की तैयारी है. 

मिलिट्री ट्रेनिंग में चाणक्य की किताब!
रिपोर्ट के मुताबिक मिलिट्री ट्रेनिंग और रणनीतिक पढ़ाई में भारतीय किताबों पर जोर दिया जा सकता है. इनमें चाणक्य की किताब अर्थशास्त्र को भी शामिल किया जा सकता है. साथ ही मिलिट्री स्टडीज में भारतीय हीरो, नेताओं और थिंकर्स पर ज्यादा जोर दिया जाएगा. साथ ही औपनिवेशिक काल के टर्म्स को भी हटाया जा सकता है. मिलिट्री एक्सरसाइज में इस्तेमाल होने वाले अंग्रेजी नामों में परिवर्तन किया जा सकता है. 

चंद्रगुप्त मौर्य के जरिए किया था नंद वंश का नाश
महान शासक चंद्रगुप्त मौर्य के गुरु चाणक्य शताब्दियों बाद भी भारतीय जनमानस में बेहद गहरा असर रखते हैं. उनकी किताब अर्थशास्त्र को दुनिया के शुरुआती राजनीतिक और रणनीतिक ग्रंथों में गिना जाता है. नंद वंश की समाप्ति के लिए चाणक्य ने चंद्रगुप्त मौर्य की रणनीतिक रूप से मदद की थी. बाद में चंद्रगुप्त के शासन में वो महामंत्री बने थे.  

तेज हुई हथियार खरीद की प्रक्रिया
केंद्र में सत्तारूढ़ मोदी सरकार लगातार हथियारों के आधुनिकीकरण और स्वदेशी मैन्यूफैक्चरिंग पर जोर दे रही है. साथ ही हथियारों की खरीद प्रक्रिया भी तेज की गई है. जुलाई महीने में नेवी और सोसाइटी ऑफ इंडियन डिफेंस मैन्युफैक्चरर्स (एसआईडीएम) के सेमीनार में प्रधानमंत्री मोदी ने जवानों को आधुनिकतम हथियारों से लैस करने पर जोर दिया. उन्होंने मैन्यूफैक्चरिंग पर जोर देते हुए कहा कि ये बुद्धिमानी नहीं है कि दुनिया के दस लोगों के पास जिस तरह के हथियार हों वही हमारे सैनिक के पास भी हों. 

प्रधानमंत्री ने कहा कि हो सकता है हमारे सैनिक के पास अच्छी ट्रेनिंग हो और वह उसी हथियार का इस्तेमाल कर निकल जाए. लेकिन यह रिस्क मैं कबतक लेता रहूंगा! हमारे सैनिकों के पास वह हथियार होने चाहिए जो दुश्मन सोच भी नहीं सकता.

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