नई दिल्ली: भारत के समुद्री इतिहास में अब तक के सबसे बड़े जहाज तथा स्वदेश निर्मित विमानवाहक पोत ‘आईएनएस विक्रांत’ का आज शुक्रवार को कोचीन शिपयार्ड में जलावतरण किया गया. आईएनएस विक्रांत के जलावतरण कार्यक्रम में पहुंचे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 20,000 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित और अत्याधुनिक स्वचालित यंत्रों से लैस युद्धपोत को भारतीय नौसेना को समर्पित किया.
पीएम मोदी ने कहा- 'ये हमारे बुलंद हौसलों की हुंकार'
आईएनएस विक्रांत के जलावतरण कार्यक्रम में पीएम मोदी ने कहा- 'केरल के समुद्री तट पर पूरा भारत एक नए भविष्य के सूर्योदय का साक्षी बन रहा है. INS विक्रांत पर हो रहा यह आयोजन, विश्व क्षितिज पर भारत के बुलंद होते हौसलों की हुंकार है.'
उन्होंने आईएनएस विक्रांत को भारतीय नौसेना को सौंपते हुए यह भी कहा- 'विक्रांत विशाल है, विराट है, विहंगम है. विक्रांत विशिष्ट है, विक्रांत विशेष भी है. विक्रांत केवल एक युद्धपोत नहीं है. ये 21वीं सदी के भारत के परिश्रम, प्रतिभा, प्रभाव और प्रतिबद्धता का प्रमाण है. यदि लक्ष्य दुरन्त हैं, यात्राएं दिगंत हैं, समंदर और चुनौतियां अनंत हैं- तो भारत का उत्तर विक्रांत है. आजादी के अमृत महोत्सव का अतुलनीय अमृत है विक्रांत. आत्मनिर्भर होते भारत का अद्वितीय प्रतिबिंब है विक्रांत.'
विक्रांत विशाल है, विराट है, विहंगम है। विक्रांत विशिष्ट है, विक्रांत विशेष भी है। विक्रांत केवल एक युद्धपोत नहीं है। ये 21वीं सदी के भारत के परिश्रम, प्रतिभा, प्रभाव और प्रतिबद्धता का प्रमाण है: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, कोचीन, केरल pic.twitter.com/NDWDKGxloL
— ANI_HindiNews (@AHindinews) September 2, 2022
पीएम मोदी ने नौसेना ध्वज का भी किया अनावरण
प्रधानमंत्री ने इस अवसर पर औपनिवेशिक अतीत को खत्म करते हुए नए नौसेना ध्वज (निशान) का भी अनावरण किया. मोदी ने दो सितंबर की तारीख को ‘‘रक्षा क्षेत्र में आत्मानिर्भर बनने की दिशा में भारत के प्रयासों के लिए एक ऐतिहासिक दिन’’ बताया है क्योंकि देश में डिजाइन और निर्मित किए गए पहले विमानवाहक पोत आईएनएस विक्रांत को सेवा में शामिल किया गया.
आज 2 सितंबर, 2022 की ऐतिहासिक तारीख को, इतिहास बदलने वाला एक और काम हुआ है। आज भारत ने गुलामी के एक निशान, गुलामी के एक बोझ को अपने सीने से उतार दिया है। आज से भारतीय नौसेना को एक नया ध्वज मिला है: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, कोचीन, केरल pic.twitter.com/w9xwPLQF3t
— ANI_HindiNews (@AHindinews) September 2, 2022
इस पोत से इतने विमान हो सकते हैं संचालित
इस पोत का नाम 'आईएनएस विक्रांत' भारतीय नौसेना के पूर्ववर्ती पोत विक्रांत के नाम पर रखा गया है, जिसने 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध में अहम भूमिका निभाई थी.
इस पोत का डिजाइन नौसेना के वारशिप डिजाइन ब्यूरो ने तैयार किया है. वहीं निर्माण सार्वजनिक क्षेत्र की शिपयार्ड कोचिन शिपयार्ड लिमिटेड ने किया है. इस पोत पर आसानी से 30 विमानों का संचालन किया जा सकता है.
रक्षा मंत्री सहित ये अधिकारी भी हुए शामिल
शुक्रवार को नए विमानवाहक पोत के जलावतरण कार्यक्रम में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, जहाजरानी मंत्री सर्बानंद सोनोवाल, केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान, मुख्यमंत्री पिनराई विजयन, एर्नाकुलम के सांसद हिबी ईडन, नौसेना प्रमुख एडमिरल आर. हरी कुमार और नौसेना और कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड (सीएसएल) के शीर्ष अधिकारी सहित कई गणमान्य व्यक्ति इस कार्यक्रम में शामिल हुए.
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