FIFA World Cup 2022: कतर में खेला जा रहा फीफा विश्वकप 2022 अब अपने अंतिम पड़ाव पर पहुंचता नजर आ रहा है, जहां पर क्वार्टरफाइनल मैचों का आगाज शुक्रवार से होने जा रहा है. इसके तहत शुक्रवार को अर्जेंटीना की टीम का सामना नीदरलैंड से होगा, जिसके लिये दुनिया के स्टार फुटबॉलर लियोनल मेस्सी खेलते हैं और अभी तक अपने करियर का पहला विश्वकप जीतने का सपना लिये नजर आ रहे हैं. मेस्सी के लिये यह उनके करियर का आखिरी विश्वकप होने वाला है जिसको देखते हुए वो इस संस्करण में खिताब जीतने के अपने सपने को पूरा करने में कोई कसर नहीं छोड़ना चाहेंगे.
मेस्सी के लिये आखिरी विश्वकप मैच बन सकता है ये क्वार्टरफाइनल
क्वार्टर फाइनल के इस मुकाबले को मेस्सी बनाम वर्जिल वान डिक, विश्वकप के सबसे युवा कोच बनाम सबसे उम्रदराज कोच और दक्षिण अमेरिका बनाम यूरोप के रूप में देखा जा रहा है. इस मुकाबले में यह संभावना नए आयाम जोड़ती है कि आगे का कोई भी मैच मेस्सी का विश्व कप में आखिरी मैच हो सकता है. सात बार विश्व के वर्ष के सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी चुने गए मेस्सी विश्व कप जीतने के अपने सपने को साकार करने से केवल तीन जीत दूर हैं लेकिन दो लोग उनकी राह में रोड़ा बन सकते हैं.
मेस्सी का सपना तोड़ सकते हैं ये दो लोग
इनमें पहला व्यक्ति वान डिक हैं जिन्हें पिछले पांच वर्षों में दुनिया के सर्वश्रेष्ठ रक्षकों में से एक माना जाता है. मेस्सी को अगर उनके ट्रेडमार्क ड्रिबल से कोई रोक सकता है तो वह लिवरपूल के सेंटर बैक वान डिक हैं जो खेल की बहुत अच्छी समझ भी रखते हैं. दूसरे व्यक्ति लुई वान गाल हैं. इस 71 वर्षीय कोच को बेहद चतुर रणनीतिकार माना जाता है और वह मेस्सी के खिलाफ नीदरलैंड के खिलाड़ियों को उचित रणनीति के साथ मैदान पर उतारेंगे.
अर्जेंटीना के एंजेल डी मारिया ने हालांकि यह कह कर शाब्दिक जंग शुरू करने की कोशिश की कि वह जितने भी कोच के तहत खेले हैं उनमें वान गाल सबसे बेकार कोच रहे हैं. डी मारिया और वान गाल 2014-15 में मैनचेस्टर यूनाइटेड में एक साथ थे. दूसरी तरफ अर्जेंटीना के कोच लियोनेल स्कालोनी 44 साल के हैं और उन्हें कोचिंग का कम अनुभव है. उन्होंने 2018 में पहली बार अपने देश की सीनियर टीम की कमान संभाली थी.
गाल के पास है 26 साल का अनुभव
इसके विपरीत वान गाल को कोचिंग का 26 साल का अनुभव है. स्कोलोनी के कोच रहते हुए अर्जेंटीना ने हालांकि पिछले साल कोपा अमेरिका का खिताब जीता था जो 1993 के बाद उसकी किसी बड़े टूर्नामेंट में पहली खिताबी जीत थी. यही नहीं वर्तमान विश्वकप में सऊदी अरब से पहले मैच में उलटफेर का शिकार बनने के बाद उन्होंने अपनी टीम को नॉकआउट में पहुंचाने में अहम भूमिका निभाई. अर्जेंटीना और नीदरलैंड इससे पहले भी विश्व कप में बड़े मैचों में एक दूसरे का आमना सामना कर चुके हैं. इनमें 1978 का फाइनल भी शामिल है जिसमें अर्जेंटीना ने जीत दर्ज की थी.
8 साल पुराना बदला लेना चाहेंगे मेस्सी
नीदरलैंड ने 1998 में अंतिम 16 के मैच में अर्जेंटीना को हराया था लेकिन दक्षिण अमेरिकी टीम 2014 के सेमीफाइनल में अपने इस प्रतिद्वंदी को पेनल्टी शूटआउट में हराने में सफल रही थी. मेस्सी भी उस मैच में खेले थे और तब भी नीदरलैंड के कोच वान गाल ही थे. नीदरलैंड ने तब मेस्सी को अच्छी तरह से घेर कर रखा था लेकिन अर्जेंटीना का यह स्टार खिलाड़ी आठ साल बाद सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने के लिए तैयार है. उन्होंने अंतिम 16 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ बेहतरीन खेल दिखाकर स्पष्ट कर दिया था कि वह विश्वकप जीतने का अपना सपना साकार करने के लिए प्रतिबद्ध हैं.
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