एचआरटीसी कंडक्टर यूनियन की बैठक का हुआ आयोजन, मांगे पूरी न होने पर मुख्यमंत्री से करी अपील
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एचआरटीसी कंडक्टर यूनियन की बैठक का हुआ आयोजन, मांगे पूरी न होने पर मुख्यमंत्री से करी अपील

Bilaspur News: एचआरटीसी कंडक्टर यूनियन की बैठक में यूनियन के पदाधिकारियों व सदस्यों ने भाग लिया. 12 अक्टूबर 2024 तक पथ परिवहन निगम को 50 करोड़ रुपये का भुगतान का वादा पूरा न होने पर मुख्यमंत्री से अपील करी. 

 

एचआरटीसी कंडक्टर यूनियन की बैठक का हुआ आयोजन, मांगे पूरी न होने पर मुख्यमंत्री से करी अपील

Bilaspur News: बिलासपुर के जिला परिषद मीटिंग हॉल में स्टेट एचआरटीसी कंडक्टर यूनियन की राज्य स्तरीय त्रैमासिक बैठक का आयोजन किया गया, जिसमें यूनियन के पदाधिकारियों व सदस्यों ने बढ़-चढ़कर भाग लिया. एचआरटीसी कंडक्टर यूनियन के प्रांतीय प्रधान प्रीत महिंदर की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में एचआरटीसी कंडक्टरों की समस्याओं व मांगों पर चर्चा की गई. 

इस चर्चा के बाद यूनियन के पदाधिकारी 19 फरवरी को शिमला जाकर अपनी मांगों को लेकर मुख्यमंत्री से मुलाकात करेंगे, जिसके बाद 20 फरवरी को आगामी रूपरेखा तैयार की जाएगी. इस बारे में जानकारी देते हुए स्टेट एचआरटीसी कंडक्टर यूनियन के प्रांतीय प्रधान प्रीत महिंदर ने बताया कि यूनियन की राज्य स्तरीय त्रैमासिक बैठक रविवार को बिलासपुर में आयोजित की गई है, जिसमें कंडक्टरों की विभिन्न मांगों पर चर्चा की गई है. 

इन मांगों में प्रदेश सरकार ने 12 अक्तूबर 2024 तक हिमाचल पथ परिवहन को 50 करोड़ रुपए देने का आश्वासन दिया था, लेकिन यह पैसा अभी तक नहीं दिया गया है, जबकि 9 करोड़ रुपए का मेडिकल बिल भी नहीं दिया गया है, जिसका जल्द से जल्द भुगतान किया जाए, इसके साथ ही कंडक्टरों को एरियर की पहली किस्त भी जल्द जारी की जाए, इसके साथ ही एचआरटीसी कंडक्टरों को बहुत कम वेतन दिया जा रहा है, जिसे देखते हुए लंबे समय से चल रही वेतन विसंगति के मुद्दे को जल्द सुलझाया जाए, कंडक्टरों को 65 महीनों से नाइट ओवरटाइम का पैसा नहीं मिला है, जबकि अन्य विभागों के अधिकारियों व कर्मचारियों को मासिक वेतन में TA व DA मिलता है, जिससे कंडक्टर लंबे समय से वंचित हैं, लगेज पॉलिसी के कारण कंडक्टरों पर अतिरिक्त बोझ व नई मशीनों के संचालन की समस्या आ रही है, इसके बावजूद कंडक्टरों को वेतन विसंगति की समस्या से जूझना पड़ रहा है. 

प्रीत महेंद्र ने कहा कि अगर प्रदेश सरकार ने कंडक्टरों की समस्या का समाधान नहीं किया और उनकी मांगों को जल्द पूरा नहीं किया तो आने वाले समय में प्रदेश के सभी कंडक्टरों को कंडक्टर यूनियन के बैनर तले उग्र आंदोलन का रास्ता अपनाना पड़ेगा, जिसकी जिम्मेदार प्रदेश सरकार होगी.

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