TMKOC Sodhi Missing: तारक मेहता का उल्टा चश्मा का सोढी जिनका असली नाम गुरुचरण सिंह है वह लापता हो गई है. वह दिल्ली से मुंबई के लिए एयरपोर्ट पहुंचे थे. उनके पिता ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है.
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TMKOC Sodhi Missing: टेलीविजन एक्टर गुरुचरण सिंह, जो तारक मेहता का उल्टा चश्मा में सोढ़ी का किरदार निभाने के लिए जाने जाते हैं, वह लापता हो गए हैं. न्यूज एजेंसी एएनआई की रिपोर्ट के मुताबिक, अभिनेता दिल्ली से मुंबई का सफर कर रहे थे और दिल्ली हवाई अड्डे से वह लापता हो गए हैं. उनके पिता ने अब गुमशुदगी की शिकायत दर्ज कराई है.
तारक मेहता का उल्टा चश्मा शो में 'सोढ़ी' का किरदार निभाने वाले अभिनेता गुरुचरण सिंह के पिता ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है. उनका कहना है कि उनका बेटा 22 अप्रैल को दिल्ली स्थित अपने आवास से मुंबई के लिए निकला था और तभी से वह गाय है, वह न तो मुंबई पहुंचा और न ही घर लौटा, उनके पिता ने कहा कि गुरुचरण सिंह का फोन भी नहीं मिल रहा है. दिल्ली पुलिस का कहना है कि हमने शिकायत दर्ज की और मामले की जांच की जा रही है. इसके साथ ही पुलिस सीसीटीवी भी खंगाल रही है.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक उनके पिता, हरजीत सिंह ने हिंदी में गायब होने की शिकायत दर्ज की है, जिसमें लिखा है: “मेरा बेटा गुरुचरण सिंह, उम्र: 50 वर्ष, 22 अप्रैल को सुबह 8:30 बजे मुंबई जाने के लिए निकला था. वह फ्लाइट पकड़ने के लिए एयरपोर्ट गया था. वह न तो मुंबई पहुंचे और न ही घर लौटे हैं और उनका फोन भी नहीं मिल रहा है. वह मानसिक रूप से स्थिर है और हम उसकी तलाश कर रहे थे लेकिन अब तक वह लापता है."
बता दें, गुरुचरण को तारक मेहता का उल्टा चश्मा में सोढ़ी का किरदार निभाकर काफी फेम मिला था. हालांकि उन्होंने कुछ साल पहले ही शो छोड़ने का फैसला किया था. वह अपने परिवार पर ध्यान देना चाहते थे, माना जाता है कि वह अपने पिता की हेल्थ पर ध्यान देना चाहते थे. इसी वजग से उन्होंने यह शो छोड़ा था.
यह शो काफी विवादों में भी रहा है. शो ने मीडिया का ध्यान तब खींचा जब अभिनेत्री जेनिफर मिस्त्री ने शो के डायरेक्टर असित मोदी पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया और पिछले साल उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी. जेनिफर ने आरोप लगाया था कि ऐसी कई घटनाएं हुईं जब असित ने उनके साथ फ्लर्ट और गलत हरकत करने की कोशिश की. पिछले साल कोर्ट ने जेनिफर के हक में फैसला सुनाया था. कोर्ट ने असित को उनका बकाया भुगतान करने और मुआवजे के रूप में उन्हें ₹5 लाख का भुगतान करने का आदेश दिया था.