Sambhal News: संभल की एक स्थानीय कोर्ट ने शाही जामा मस्जिद के सर्वे का आदेश दिया था, इसके बाद जिला प्रशासन ने मस्जिद का सर्वे कराया था. सर्वे के दूसरे दिन शहर में हंगामा हो गया और जमकर बवाल हुआ था.
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Sambhal News: उत्तर प्रदेश के संभल जिले की एक मकामी अदालत ने पिछले साल नवंबर में मस्जिद के सर्वे को लेकर हुई हिंसा के सिलसिले में 15 आरोपियों की जमानत याचिका 30 जनवरी को खारिज कर दी. सरकारी वकील हरिओम प्रकाश सैनी ने बताया कि अपर जिला न्यायाधीश (द्वितीय) निर्भय नारायण सिंह ने आरोपियों की जमानत याचिकाओं पर सुनवाई की, लेकिन कोर्ट में पेश किए गए मजबूत सबूतों का हवाला देते हुए जमानत देने से इनकार कर दिया.
सैनी ने कहा,“सीसीटीवी फुटेज में सभी मुल्जिमों की पहचान की गई थी और शिकायतकर्ता ने मुकदमे में उनका नाम दर्ज कराया था. प्रोहिबिटेड लागू होने के बावजूद वे भीड़ का हिस्सा थे. जब उन्हें वहां से हटने के लिए कहा गया, तो उन्होंने मना कर दिया और इसके बजाय पुलिस पर पत्थरों और आग्नेयास्त्रों से हमला कर दिया. इस घटना में कई नागरिक मारे गए और करीब 25 पुलिसकर्मी घायल हो गए. सरकारी वाहनों को आग लगा दी गई और मैगजीन और रबर बुलेट सहित पुलिस के उपकरण लूट लिए गए.’’
इन लोगों की जमानत याचिका खारिज
अदालत ने संभल पुलिस स्टेशन में दर्ज मामले के साक्ष्यों सहित केस रिकॉर्ड की समीक्षा की, जिसमें आरोपी आमिर, समीर, याकूब, सजाउद्दीन, सज्जू, मोहम्मद रेहान, नईम, मोहम्मद गुलफाम, मोहम्मद सलीम, तहजीब, मोहम्मद अली, शारिक, मोहम्मद फिरोज और मोहम्मद शादाब शामिल थे. इन सभी की जमानत याचिका खारिज कर दी गई. अधिकारियों के मुताबिक, इसी तरह, नखासा पुलिस स्टेशन में दर्ज मामले में अदालत ने आरोपी रुकैया और फरहाना को भी जमानत देने से इनकार कर दिया.
क्या है पूरा मामला
गौरतलब है कि संभल की एक स्थानीय कोर्ट ने शाही जामा मस्जिद के सर्वे का आदेश दिया था, इसके बाद जिला प्रशासन ने मस्जिद का सर्वे कराया था. सर्वे के दूसरे दिन शहर में हंगामा हो गया और जमकर बवाल हुआ था.इस दौरान हंगामा हिंसा में बदल गया और देखते ही देखते पुलिस और स्थानीय लोग आमने-सामने आ गए. लोगों को नियंत्रित करने के लिए पुलिस ने बल प्रयोग किया, जिसमें कम से कम 5 लोगों की मौत हो गई.