आजकल युवाओं में दिल का दौरा पड़ने का खतरा बहुत बढ़ गया है. इसलिए लोगों को सीपीआर ट्रेनिंद देने के लिए एक अभियान शुरू किया गया है. ऐसे में स्वास्थ्य मंत्री को भी ट्रेनिंग दी गई है.
Trending Photos
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने बुधवार को दिल्ली में कार्डियोपल्मोनरी रिससिटेशन (सीपीआर) तकनीक पर एक राष्ट्रव्यापी जागरूकता अभियान के शुरूआत में हिस्सा लिया. स्वास्थ्य मंत्री को राज्य मंत्री एसपी सिंह बघेल और भारती प्रवीण पवार के साथ सीपीआर तकनीक का प्रशिक्षण लेते देखा गया.
मंडाविया ने ली सीपीआर प्रशिक्षण
स्वास्थ्य मंत्रालय ने मंडाविया के प्रशिक्षित होने के एक वीडियो के साथ 'एक्स' पर एक पोस्ट में कहा. "जीवन बचाने के लिए व्यावहारिक दृष्टिकोण के साथ नेतृत्व! अहम सीपीआर तकनीक पर एक राष्ट्रव्यापी जागरूकता अभियान की शुरुआत करते हुए, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. मनसुखमंडविया के साथ-साथ राज्य मंत्री (स्वास्थ्य) प्रोफेसर @spसिंहबागहेल्पर और @Drभारतीप्पावर ने आज सीपीआर प्रशिक्षण लिया.
Leading with a hands-on approach to SAVE LIVES!
Marking the beginning of a nationwide awareness campaign on the crucial CPR technique, Union Health Minister Dr @mansukhmandviya along with MoS (Health) Prof @spsinghbaghelpr, and @DrBharatippawar underwent CPR training today. pic.twitter.com/QH3WITFaaS
— Ministry of Health (@MoHFW_INDIA) December 6, 2023
क्या बोले स्वास्थ्य मंत्री
प्रशिक्षण लेने के बाद मंडाविया ने कहा, "हमारी कोशिश होनी चाहिए कि हम अपने दिल को स्वस्थ रखें, अच्छी डाइट लें. लेकिन जब कार्डियक अरेस्ट होता है तो सीपीआर एक ऐसा उपाय है जिससे समय रहते मरीज को बचाया जा सकता है. जब किसी को कार्डियक अरेस्ट होता है कहीं भी, ये उपाय करके उसे बचाया जा सकता है.” स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि देश भर में 10 लाख से अधिक लोगों को सीपीआर में प्रशिक्षित करने का अभियान शुरू हो गया है.
10 लाख से ज्यादा को लोगों को मिली ट्रेनिंग
मंडाविया ने कहा, "आज पूरे देश में एक साथ 10 लाख से अधिक लोगों को सीपीआर में प्रशिक्षित किया जा रहा है. हाल ही में युवाओं में दिल के दौरे से होने वाली मौतों को देखते हुए सरकार ने सीपीआर प्रशिक्षण के लिए एक विशेष अभियान शुरू किया है." हाल ही में गुजरात के शिक्षा मंत्री कुबेर डिंडोर ने कहा कि राज्य में पिछले छह महीनों में दिल के दौरे से कुल 1052 लोगों की जान चली गई है.
गुजरात में 1052 लोगों की मौत
डिंडोर ने शुक्रवार को गांधीनगर में मीडिया से बात करते हुए कहा, "गुजरात में पिछले 6 महीनों में दिल का दौरा पड़ने से 1052 लोगों की जान चली गई है." राज्य के शिक्षा मंत्री ने आगे कहा कि लगभग 80 प्रतिशत पीड़ितों की उम्र 11 से 25 वर्ष के बीच थी और उनमें मोटापे के कोई लक्षण नहीं थे. डिंडोर ने कहा, "करीब 80 फीसदी की उम्र 11 से 25 साल के बीच है. मरने वाले छात्रों और युवाओं में मोटापा नहीं था."