कुशीनगर के बाद अब गोरखपुर में भी मस्जिद गिराने की चल रही है तैयारी, जानें पूरा मामला
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कुशीनगर के बाद अब गोरखपुर में भी मस्जिद गिराने की चल रही है तैयारी, जानें पूरा मामला

Gorakhpur News: 15 फरवरी 2025 को को नगर निगम ने मस्जिद के मुतवल्ली शुऐब अहमद को नोटिस जारी कर निर्देश दिया था कि ध्वस्तीकरण आदेश के 15 दिन के अंदर मस्जिद का अवैध निर्माण गिरा दें.

कुशीनगर के बाद अब गोरखपुर में भी मस्जिद गिराने की चल रही है तैयारी, जानें पूरा मामला

Gorakhpur News: उत्तर प्रदेश के कई जिलों में कथित अवैध मस्जिदों के खिलाफ कार्रवाई जारी है. हाल ही में कुशीनगर जिले में मदनी मस्जिद को बुलडोजर से गिरा दिया गया था. इस बीच गोरखपुर से बड़ी खबर आई है. जहां, गोरखपुर डेवलपमेंट अथॉरिटी ने घोष कंपनी चौराहे के पास नगर निगम की 47 डिसमिल जमीन के एक कोने पर बनी तीन मंजिला अबू उरेरा मस्जिद को ढहाने का आदेश दिया है.

नगर निगम के इस आदेश के बाद राज्य की सियासत तेज हो गई है. कांग्रेस ने यूपी के मुखिया योगी आदित्यनाथ के खिलाफ जमकर हमला बोला है. कांग्रेस यूपी उपाध्यक्ष विश्व विजय सिंह ने आज गोरखपुर कमिश्नरी पहुंचकर गोरखपुर विकास प्राधिकरण के खिलाफ ज्ञापन सौंपा और कहा कि अगर अबू उरेरा मस्जिद को गिराने की कोशिश की गई तो वह बुलडोजर के सामने खड़े हो जाएंगे.

कब जारी किया गया था नोटिस
दरअसल, 15 फरवरी 2025 को को नगर निगम ने मस्जिद के मुतवल्ली शुऐब अहमद को नोटिस जारी कर निर्देश दिया था कि ध्वस्तीकरण आदेश के 15 दिन के अंदर मस्जिद का अवैध निर्माण गिरा दें, वरना नगर निगम इसे ध्वस्त कर देगा. साथ प्राधिकरण ने यह भी चेतावनी दी है कि ध्वस्तीकरण का खर्च निर्माणकर्ता शुऐब अहमद से वसूला जाएगा.

वहीं, जीडीए के नोटिस के बाद मस्जिद के मौलाना ने कहा कि यह आदेश गोरखपुर की गंगा-जमुनी तहजीब के खिलाफ है. जब नगर निगम ने 50 साल पुरानी मस्जिद को गिराया था, तब मुसलमानों के गुस्से के कारण प्राधिकरण के 47 डिसमिल भूखंड में से 600 वर्ग फीट जमीन मस्जिद बनाने के लिए दी गई थी और उसके बाद एक साल पहले यह तीन मंजिला इमारत बनी और अब इसे गिराने की बात कर रहे हैं, यह गलत है. अगर उन्हें नक्शा चाहिए तो हम दे देंगे.

क्या है पूरा मामला
नगर निगम द्वारा दिए गए नोटिस के मुताबिक, पिछले साल क्षेत्रीय अवर अभियंता ने स्थल निरीक्षण के दौरान पाया गया कि मेवातीपुर निवासी शुएब अहमद 60 वर्ग मीटर में ग्राउंड फ्लोर और फस्ट फ्लोर का निर्माण करा रहे थे और दूसरे फ्लोर की शटरिंग का कार्य करा रहे थे. इस पर संबंधित निर्माण के विरुद्ध अवर अभियंता की रिपोर्ट के आधार पर 15 मई 2024 को पीठासीन अधिकारी ने वाद दर्ज कर निर्माणकर्ता को नोटिस जारी कर 30 मई तक कार्यालय में अपना पक्ष रखने का मौका दिया था.

आरोप है कि तय तारीख पर पक्षकार उपस्थित नहीं हुए. इसके बाद जीडीए की ओर से चार फरवरी 2025 और 15 फरवरी को सुनवाई की तारीख तय कर नोटिस जारी किया गया, लेकिन, पक्षकार न तो उपस्थित हुए और न ही स्वीकृत नक्शा या अन्य कोई दस्तावेज पेश नहीं किया. इसके बाद प्राधिकरण ने 15 फरवरी को ध्वस्तीकरण का आदेश पारित कर दिया.

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