जंगबंदी के बाद अपने घरों को वापस लौट रहे गाजा के लोग; लेकिन इस बात से हैं मायूस
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जंगबंदी के बाद अपने घरों को वापस लौट रहे गाजा के लोग; लेकिन इस बात से हैं मायूस

Israel News: इजरायल हमास में जंगबंदी होने के बाद अब गाजा के लोग अपने घरों की तरफ लौट रहे हैं. लेकिन यहां उनके घर पूरी तरह से तबाह हो चुके हैं. लोग कह रहे हैं इजरायल ने गाजा को तबाह करने के लिए अभियान चलाया है.

जंगबंदी के बाद अपने घरों को वापस लौट रहे गाजा के लोग; लेकिन इस बात से हैं मायूस

Israel News: इजराइल और हमास के बीच 15 महीने से ज्यादा वक्त से चल रही जंग पर अब कुछ वक्त के लिए रोक लग गई है. जंगबंदी होने के बाद फलस्तीनी अपने पैतृक स्थानों की ओर लौट रहे हैं. यहां उनका सामना बर्बादी के भयानक मंजर से हो रहा है. लोग अपने घरों की तरफ तो लौट रहे हैं लेकिन अपने घरों को टूटा फूटा देखकर मायूस हैं. खंडहर में तब्दील इमारतों से शहर 'भुतहा' नजर आ रहा है. भूमध्य सागर के तट पर छोटे से इलाके में सीमित गाजा शरणार्थी शिविर शहरों में बंटा हुआ है.

खंडहर में तबदील हो चुका गाजा
एसोसिएटेड प्रेस की तरफ से ड्रोन से ली गई तस्वीरों में जहां तक ​​नजर जाती है, वहां तक ​​मलबे के ढेर दिखाई देते हैं. यह मंजर इजराइल और हमास के बीच चले सबसे लंबे और सबसे घातक जंग के रक्तरंजित इतिहास का गवाह है. रफह के रहने वाले 38 साल के हुसैन बरकत मलबे की ओर इशारा करते हुए कहते हैं, "जैसा कि आप देख सकते हैं, यह एक भुतहा शहर में तब्दील हो गया है. कुछ भी नहीं बचा है." बरकत का घर भी हमले में तबाह हो गया है.

गाजा में जिंदगी का ताना बाना बर्बाद
आलोचकों का कहना है कि इजराइल ने गाजा में जिंदगी के ताने-बाने को बर्बाद करने के लिए भीषण अभियान चलाया है और इन इल्जामों पर दो अंतरर्राष्ट्रीय अदालतों में विचार किया जा रहा है. इजराइल पर लगाए गए इन इल्जामों में जनसंहार के इल्जाम भी शामिल हैं. इजराइल ने इन इल्जामों का खंडन किया है. इजराइल की दलील है कि उसकी सेना घने शहरी इलाकों में एक जटिल लड़ाई लड़ रही है और वह नागरिकों और उनके बुनियादी ढांचे को गैर जरूरी नुकसान पहुंचाने से बचने की कोशिश करती है.

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ज्यादा नुकसान होने की आशंका
सैन्य विशेषज्ञों का कहना है कि वास्तविकता जटिल है. ब्रिटिश थिंकटैंक 'रॉयल यूनाइटेड सर्विसेज इंस्टीट्यूट' में सैन्य विज्ञान निदेशक मैथ्यू सैविल ने कहा, "शहरी वातावरण में इस अवधि (एक साल से ज्यादा) तक चले अभियान में जहां आपका प्रतिद्वंद्वी छिपा हुआ है, आपको ज्यादा नुकसान होने की आशंका होती है." सैविल ने कहा कि इजरायल के अभियान की प्रकृति के बारे में व्यापक निष्कर्ष निकालना कठिन है.

क्या है पूरा मामला?
आपको बता दें कि हमास ने 7 अक्टूबर 2023 को इजरायल पर हमला किया था. इस हमले में 1200 लोगों की मौत हुई थी. इसी दौरान हमास ने 250 लोगों को बंदी बनाया था. इसके जवाब में इजरायल ने हमास वाले इलाके पर हमला करना शुरू किया. हमले में अब तक 47 हजार से ज्यादा लोगों की मौत हो गई है. गाजा के कई इलाके पूरी तरह से बर्बाद हो चुका है. ऐसे में अब इजरायल हमास के दरमियान जंगबंदी हुई है. दोनों तरफ से कैसी छोड़े जाने हैं.

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