Gyanvapi Masjid: अंजुमन इंतेजामिया मस्जिद कमेटी और उत्तर प्रदेश सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड की दलील है कि इस मुकदमे की पूजा स्थल अधिनियम (विशेष प्रावधान) 1991 के तहत सुनवाई नहीं हो सकती है.
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Gyanvapi Masjid: इलाहाबाद हाईकोर्ट वाराणसी की ज्ञानवापी मस्जिद मामले में अंजुमन इंतेजामिया मस्जिद कमेटी और दूसरे की सभी पांच याचिकाओं पर कल यानी 19 दिसंबर को फैसला सुनाएगा. ये याचिकाएं वाराणसी की एक कोर्ट में लंबित एक दीवानी वाद की पोषणीयता को चुनौती देते हुए दायर की गई हैं.
याचिका में वाराणसी की कोर्ट के आठ अप्रैल 2021 के उस निर्देश को भी चुनौती दी गई है, जिसमें ज्ञानवापी मस्जिद का समग्र सर्वे कराने का निर्देश दिया गया था. इससे पूर्व, आठ दिसंबर को जस्टिस रोहित रंजन अग्रवाल ने याचिकाकर्ता अंजुमन इंतेजामिया मस्जिद कमेटी और उत्तर प्रदेश सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड और प्रतिवादी मंदिर पक्ष की दलीलें सुनने के बाद अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था.
वाराणसी में काशी विश्वनाथ मंदिर से सटी ज्ञानवापी मस्जिद का प्रबंधन करने वाली अंजुमन इंतेजामिया मस्जिद कमेटी ने वाराणसी की कोर्ट में लंबित वाद की पोषणीयता को चुनौती दी है. वहीं, हिंदू पक्ष ने उस जगह पर मंदिर बहाल करने की मांग की है, जहां मौजूदा वक्त में ज्ञानवापी मस्जिद मौजूद है. हिंदू पक्ष के मुताबिक, ज्ञानवापी मस्जिद, मंदिर का हिस्सा है.
अंजुमन इंतेजामिया मस्जिद कमेटी और उत्तर प्रदेश सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड की दलील है कि इस मुकदमे की पूजा स्थल अधिनियम (विशेष प्रावधान) 1991 के तहत सुनवाई नहीं हो सकती है. इस कानून में कहा गया है कि किसी भी मजहब के पूजा स्थल का जो अस्तित्व 15 अगस्त 1947 के दिन था, वही बाद में भी रहेगा.
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