Waqf: वक्फ संशोधन विधेयक आज लोकसभा में पेश किया जाना है. इससे पहले इस बिल में 44 संशोधनों पर बातचीत हुई. जिसमें से 14 संशोधनों को मान लिया गया. इसमें विपक्ष के संशोधनों को जगह नहीं दी गई.
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Waqf: वक्फ (संशोधन) विधेयक की जांच करने वाली संयुक्त संसदीय समिति (JPC) की रिपोर्ट सोमवार यानी आज लोकसभा में पेश की जाएगी. लोकसभा सचिवालय की तरफ से जारी बुलेटिन के मुताबिक समिति के अध्यक्ष जगदंबिका पाल और सदस्य संजय जायसवाल सदन में रिपोर्ट पेश करेंगे. समिति ने गुरुवार को लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को रिपोर्ट सौंप दी थी. वक्फ संशोधन विधेयक का मकसद वक्फ अधिनियम 1995 में बदलाव करना है, जो भारत में वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन को नियंत्रित करता है. बुधवार को समिति की तरफ से अपनाई गई रिपोर्ट में सत्तारूढ़ एनडीए के सदस्यों की तरफ से सुझाए गए बदलाव शामिल हैं.
लोकसभा में पेश होगा वक्फ संशोधन बिल
विधेयक पर संयुक्त समिति के सामने दिए गए सबूतों का रिकॉर्ड भी पेश किया जाएगा. विधेयक ने काफी विवाद पैदा किया है, विपक्षी दलों का तर्क है कि यह मुस्लिम समुदाय के हक को कमजोर करता है और भारत के संघीय ढांचे को खतरा पहुंचाता है. वक्फ संशोधन विधेयक पर JPC ने बुधवार को विधेयक के मसौदे को मंजूरी दे दी, जिसमें भाजपा के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) के सदस्यों की तरफ से प्रस्तावित 14 संशोधन शामिल हैं. जेपीसी अध्यक्ष ने तस्दीक की थी कि संशोधनों को बहुमत के आधार पर अपनाया गया था, जिसमें 16 सदस्यों ने परिवर्तनों का सपोर्ट किया और 10 ने उनका विरोध किया.
14 संशोधनों को माना गया
समिति के अध्यक्ष पाल ने मीडिया को बताया कि "कुल 44 संशोधनों पर खंड दर खंड बात की गई. छह महीने की बातचीत के बाद, हमने सभी सदस्यों से संशोधन मांगे. यह हमारी आखिरी बैठक थी. बहुमत की बुनियाद पर समिति की तरफ से 14 संशोधनों को मान लिया गया. विपक्ष ने भी संशोधन प्रस्तावित किए, लेकिन 10 वोटों के सपोर्ट और 16 वोटों के खिलाफ इन्हें खारिज कर दिया गया."
विपक्ष का इल्जाम
विपक्ष ने सत्तारूढ़ दल पर वक्फ बोर्डों की स्वायत्तता को कमजोर करने और मुस्लिम समुदाय के संवैधानिक अधिकारों का उल्लंघन करने के लिए विधेयक का इस्तेमाल करने का इल्जाम लगाया है. विपक्षी सांसदों ने संशोधनों को वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन को नियंत्रित करने और बोर्डों को खत्म करने की कोशिश भी बताया है. कांग्रेस सांसद प्रमोद तिवारी ने विधेयक को लेकर सरकार के रवैये की आलोचना करते हुए कहा कि विपक्षी सदस्यों के संशोधनों को खारिज कर दिया गया.