Khan Sir को मिले न नकारे जाने वाले सबूत; BPSC धांधली में बड़ा खुलासा?
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Khan Sir को मिले न नकारे जाने वाले सबूत; BPSC धांधली में बड़ा खुलासा?

Khan Sir Allegation on BPSC: फैसल खान उर्फ खान सर ने बीपीएससी मामले में कई बड़े सबूत जुटाए हैं. उन्होंने कहा कि वह इसे कोर्ट के सामने पेश करने वाले हैं. पूरी खबर पढ़ें.

Khan Sir को मिले न नकारे जाने वाले सबूत; BPSC धांधली में बड़ा खुलासा?

Khan Sir Allegation on BPSC: खान सर के नाम से मशहूर फेमस टीचर फैसल खान ने गुरुवार को बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) की 70वीं प्रारंभिक परीक्षा (पीटी) में भ्रष्टाचार और अनियमितता के गंभीर आरोप लगाए हैं.

बीपीएससी पेपर लीक मामले में क्या बोले खान सर?

उन्होंने दावा किया कि उन्होंने एग्जाम में धांधली साबित करने वाले ठोस सबूत जुटा लिए हैं और कहा कि एग्जाम हाई कोर्ट के जरिए रद्द कर दिया जाएगा. गुरुवार को मीडिया से बात करते हुए खान सर ने बताया कि उनकी टीम शुरू से ही बीपीएससी एग्जाम में संभावित मिस कंडक्ट की जांच कर रही थी.

न नकारे जाने वाला सबूत

फैसल खान ने कहा,"हमें हमेशा से ही BPSC एग्जाम में धोखाधड़ी का शक था, लेकिन बिना सबूत के कुछ नहीं किया जा सकता था. अब एक महीने की कोशिश के बाद हमें नकारा न जाने वाला सबूत मिल गया है, जो बिहार लोक सेवा आयोग के झूठ को उजागर करता है. यह परीक्षा निश्चित रूप से रद्द की जाएगी और दोबारा परीक्षा आयोजित की जाएगी."

खान सर की जांच में क्या मिला?

न्यूज एजेंसी आईएनएस के मुताबिक उन्होंने कहा कि बीपीएससी ने 13 दिसंबर 2024 को प्रारंभिक परीक्षा आयोजित की थी, जिसमें आकस्मिकता के उद्देश्य से प्रश्नपत्रों के तीन सेट तैयार किए गए थे. उन्होंने दावा किया, "अगर कोई सेट लीक हुआ था, तो आयोग उसे दूसरे से बदल सकता था. परीक्षा के बाद, प्रोटोकॉल के अनुसार, दो अप्रयुक्त सेटों को जिला कोषागार में जमा किया जाना था. हालांकि, हमारी जांच से पता चला कि नवादा और गया जिलों के कोषागारों से प्रश्नपत्र गायब थे."

खान सर ने कथित धांधली के बारे में विस्तृत जानकारी भी दी. बीपीएससी ने अनियमितताओं के कारण 13 दिसंबर को बापू परीक्षा केंद्र पर परीक्षा रद्द कर दी थी. प्रभावित उम्मीदवारों के लिए 4 जनवरी 2024 को दोबारा परीक्षा आयोजित की गई.

प्रश्न पत्रों को दोबारा किया इस्तेमाल

उन्होंने दावा किया, "प्रोटोकॉल के अनुसार, दो अप्रयुक्त प्रश्नपत्रों को खत्म करने या उचित तरीके से संग्रहीत करने के बजाय, बीपीएससी ने उन्हें 4 जनवरी को बापू परीक्षा केंद्र में आयोजित दोबारा एग्जाम के लिए इस्तेमाल किया."

6 से 19 फीसद हुआ पास होने का रेट

जिसकी वजह से, मूल परीक्षा (13 दिसंबर) में उत्तीर्णता दर केवल 6 प्रतिशत थी. हालांकि, दोबारा एग्जाम (4 जनवरी) में पास होने की दर 19 प्रतिशत तक बढ़ गई - तीन गुना से भी अधिक. खान सर का तर्क है कि यह सांख्यिकीय विसंगति, कदाचार का स्पष्ट प्रमाण है. "इससे साबित होता है कि BPSC ने सुरक्षा प्रोटोकॉल का पालन किए बिना पुनः परीक्षा आयोजित कीय प्रश्नपत्र पहले ही लीक हो चुका था, यही वजह है कि सफलता दर इतनी अधिक थी. इसने हजारों योग्य उम्मीदवारों का भविष्य बर्बाद कर दिया है,"

कोर्ट के पास नहीं होगा कोई विकल्प

उन्होंने आगे जोर देकर कहा कि उन्होंने कानूनी विशेषज्ञों से परामर्श किया है और हाई कोर्ट में सबूत पेश करने की तैयारी कर रहे हैं. उन्होंने कहा, "पहले लोग कहते थे कि बिना सबूत के परीक्षा रद्द नहीं की जा सकती. लेकिन, अब हमारे पास न झुठलाए जाने वाले सबूत हैं. कानूनी विशेषज्ञों का मानना ​​है कि उच्च न्यायालय के पास परीक्षा रद्द करने के अलावा कोई विकल्प नहीं होगा."

खान सर ने किसपर लगाया इल्जाम?

कथित धोखाधड़ी को उजागर करने के अलावा, उन्होंने बीपीएससी के एक उच्च पदस्थ अधिकारी पर घोटाले का मास्टरमाइंड होने का भी आरोप लगाया है. खान सर ने दावा किया कि एक संयुक्त सचिव स्तर का अधिकारी बीपीएससी में 10 सालों से कार्यरत है, जबकि सरकारी नियमों के अनुसार हर तीन साल में अधिकारी का स्थानांतरण जरूरी है.

उन्होंने आयोग के भीतर भ्रष्टाचार का भी संकेत दिया, सवाल किया कि उस अधिकारी का तबादला क्यों नहीं किया गया, और आवेदन प्रक्रिया के दौरान तकनीकी विफलताओं को लेकर बीपीएससी की आलोचना की. उन्होंने दावा किया कि भुगतान करते समय सर्वर क्रैश होने के कारण लगभग 80,000 उम्मीदवार अपना आवेदन पूरा नहीं कर पाए.

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