Shafi Passes Away: मलयालम के बेहतरीन मुस्लिम डायरेक्टर शफी का 56 साल की उम्र में इंतेकाल हो गया. वह कॉमेडी फिल्मों के लिए जाने जाते थे. उन्हें मुस्लिम कब्रिस्तान में दफनाया जाएगा.
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Malayalam Filmmaker Shafi no More: मलयालम फिल्म निर्माता शफी का 56 साल की उम्र में केरल के एक अस्पताल में इंतेकाल हो गया. वह अपनी फिल्मों के जरिए मलयालम ऑडियंस के चेहरे पर खुशी लाते थे. शनिवार की आधी रात को कोच्ची के एक प्राइवेट अस्पताल में उनका इंतेकाल हो गया. अस्पताल के एक सूत्र के मुताबिक उन्हें 16 जनवरी को स्ट्रोक हुआ था. इसके बाद उनका इलाज चल रहा था. अस्पताल में उनकी हालत नाजुक थी. उनका नाम रशीद एमएच था लेकिन वह शफी के नाम से मशहूर थे.
एक्टर ने की इंतेकाल की तस्दीक
एक्टर विष्णु उन्नीकृष्णन ने फेसबुक पर उनके इंतेकाल की तस्दीक की. उन्होंने लिखा कि 'शफी सर हमें छोड़कर चले गए हैं! वह अपने पीछे हंसी और न भुलाई जाने वाली कहानियां छोड़कर गए हैं, जिन्हें संजोए रखा जाएगा.'
शफी का करियर
शफी मुस्लिम परिवार से ताल्लुक रखते थे. शफी ने मशहूर मलयालम फिल्म निर्माता राजासेनन के अंडर में एसिस्टेंट डायरेक्टर के बतौर अपने करियर की शुरूआत की. उनकी डेब्यू फिल्म साल 2001 में आई 'वन मैन सो' थी. अपने दे दशक के करियर में शफी ने 10 से ज्यादा फिल्में डायरेक्ट कीं. उनकी फिल्मों की कॉमेडी को खूब सराहा गया. एक्टर दिलीप के साथ उन्होंने बहुत काम किया. शफी ने दिलीप के साथ 'कल्यानारमन' (Kalyanaraman), 'मरिकोंडोरू कुंजाडू' (Marykkundoru Kunjaadu) और 'टू कंट्रीज' (Two Countries) फिल्में बनाई.
तारीफ के काबिल उनका काम
उनका सबसे ज्यादा पसंद किया जाने वाला काम 'पुलिवल कल्यानम' (Pulival Kalyanam), 'थोम्मानम मक्कलम' (Thommanum Makkalum), 'मायावी' (Mayavi) और 'छत्तमबिनाडु' (Chattambinadu) है. मलयालम सिनेमा में वह एक जाने माने निर्देशक थे. उनकी सबसे आखिरी फिल्म 'आनंदम परमानंदम' थी.
4 बजे दफनाया जाएगा जनाजा
उनके परिवार के मुताबिक उनके जनाजे को इडापल्ली भेजी गई है. यहां उनकी बॉडी को लोगों के देखने के लिए रखी जाएगी, ताकि लोग श्रद्धांजलि दे सकें. इसके बाद उनके जनाजे को कालूर मुस्लिम जुमा मस्जिद में ले जाया जाएगा. यहां 4 बजे इन्हें दफनाया जाएगा.