Tariq Masood on Prophet Mohammad: तारिक मसूद का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. जिसमें वह कुरान में ग्रामर की गलतियों के बार में बात करते नजर आ रहे हैं. पूरी खबर पढें.
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Tariq Masood on Prophet Mohammad: मुफ्ती तारीक़ मसूद का एक बयान सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसके बाद उनकी पूरी दुनिया में आलोचना हो रही है. लोग उन्हें गुस्ताक-ए-रसूल बता रहे हैं. यानी पैगम्बर मोहम्मद की शान में गुस्ताखी कर ने वाला. इसके बाद तारीक़ मसूद का बयान आया है, उन्होंने पूरे मुस्लिम मुआशरे से माफी मांगी है. हालांकि, पाकिस्तान में उनके खिलाफ कई जलसे किए गए हैं और पाकिस्तान के लोग सोशल मीडिया पर उन्हें काफी बुरा भला कह रहे हैं.
तारीक मसूद कुरान में ग्रामेटिकल मिस्टेक्स के बार में बात कर रहे थे. उन्होंने कहा कि प्रोफेट मोहम्मद (स.अ) को लिखना पढ़ना नहीं आता था. जब उन पर आयत नाज़िल होती थी तो वह किसी अपने करीबी को बुलाते थे और उससे कुरान की आयत लिखने के लिए कहते थे. तारिक मसूद आगे कहते हैं कि यही वजह है कि कुरान में कई ग्रामिटकल मिस्टेक हैं.
Absolutely unacceptable! This gustakh Khinzir Tariq Masood has crossed all limits. Disrespecting our beloved Prophet ﷺ and the Quran is a line that cannot be crossed. Such people are deviating the Ummah. Accountability is a must.#muftitariqmasood @GovtofPakistan pic.twitter.com/X0aIvMJB5u
— Jashne Ali Kazmi(@jashne_ali) September 22, 2024
तारिक कहते हैं कि कई दफा कुरान में सहाबी से ग्रामर की गलती हुई, और हमारे प्रोफेट ने उस गलती को सही नहीं किया. आपको (प्रोफेट मोहम्मद) को यह नहीं पता लगा कि इसमें कोई गलती है. यह वीडियो कनाडा का बताया जा रहा है.
इस आलोचना के बाद मुफ़्ती तारिक मसूद ने सोशल मीडिया पर एक फॉलो-अप वीडियो शेयर किया, जिसमें उन्होंने अपनी पिछली टिप्पणियों पर और स्पष्टीकरण दिया. उन्होंने इस बात पर ज़ोर दिया कि उनके बयानों को गलत समझा गया और संदर्भ से बाहर ले जाया गया. मुफ़्ती तारिक मसूद ने अपने शब्दों से किसी को ठेस पहुंचाने के लिए खेद व्यक्त किया और कुरान के प्रति अपने एहतराम को दोहराया.
ऑनलाइन माफीनामे में मुफ्ती कहते हैं कि उनका इरादा कुरान को चुनौती देने या इसकी क्रिएडिबिलिटी पर सवाल उठाने का नहीं था. उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि उनकी बातचीत इंसान से होने वाली गलतियों के बारे में थी. जो प्रोफेट मोहम्मद के साथियों के जरिए आयत को लिखने के दौरान हुई थीं. इस दौरान तारीक मसूद ने कहा कि अगर उनके इस बयान से दुनिया भर के मुसलमानों को ठेस पहुंची है तो वह माफी चाहते हैं.