तेलंगाना हाईकोर्ट ने पलटा अपना ही आदेश, वक्फ बोर्ड के CEO को मिली बड़ी राहत; जानें पूरा मामला
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तेलंगाना हाईकोर्ट ने पलटा अपना ही आदेश, वक्फ बोर्ड के CEO को मिली बड़ी राहत; जानें पूरा मामला

Telangana Waqf Board News: तेलंगाना सरकार ने इस फैसले को चुनौती दी और असदुल्लाह को तेलंगाना वक्फ बोर्ड के सीईओ के रूप में बने रहने का आग्रह किया, जिसमें कहा गया कि उन्होंने वक्फ भूमि को अतिक्रमण से बचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है.

तेलंगाना हाईकोर्ट ने पलटा अपना ही आदेश, वक्फ बोर्ड के CEO को मिली बड़ी राहत; जानें पूरा मामला

Telangana Waqf Board News: तेलंगाना हाईकोर्ट ने अपने ही पिछले आदेश को रद्द करते हुए तेलंगाना वक्फ बोर्ड के सीईओ मोहम्मद असदुल्लाह को बड़ी राहत दी है. कोर्ट ने वक्फ बोर्ड के सीईओ को उनके पद से हटाने के पिछले आदेश को रद्द कर दिया और मोहम्मद असदुल्लाह को अपने पद पर बने रहने की इजाजत दे दी है. 

इससे पहले, जस्टिस नागेश भीमपाका ने एक याचिका के बाद असदुल्लाह को हटाने का आदेश दिया था, जिसमें दावा किया गया था कि असदुल्लाह उप सचिव कैडर के नहीं हैं और इस पद के लिए अयोग्य हैं. न्यायाधीश ने लियाखत हुसैन को प्रभारी सीईओ के रूप में बने रहने का भी निर्देश दिया था. तेलंगाना सरकार ने इस फैसले को चुनौती दी और असदुल्लाह को तेलंगाना वक्फ बोर्ड के सीईओ के रूप में बने रहने का आग्रह किया, जिसमें कहा गया कि उन्होंने वक्फ भूमि को अतिक्रमण से बचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है.

हाईकोर्ट ने सीईओ पर उठाए थे सवाल
इस मामले की सुनवाई न्यायमूर्ति अभिनंद कुमार शाविली और न्यायमूर्ति तिरुमाला देवी ईडा की खंडपीठ ने की. सरकार ने स्पष्ट किया कि असदुल्लाह की तरह एक विशेष ग्रेड डिप्टी कलेक्टर (एसजीडीसी) राज्य सिविल सेवाओं से संबंधित है और एक डिप्टी सेक्रेटरी के विपरीत कार्यकारी कार्य संभालता है, जिसकी भूमिका ज्यादातर डेस्क-आधारित और मंत्रिस्तरीय होती है। उन्होंने आगे कहा कि एसजीडीसी एक अतिरिक्त कलेक्टर के रूप में कार्य करता है.

पीठ ने सुनाया था ये फैसला
पीठ ने फैसला सुनाया कि एकल न्यायाधीश किसी अवमानना ​​मामले में निष्कासन आदेश पारित नहीं कर सकता है और उसने पिछले फैसले को निलंबित कर दिया, जिससे असदुल्लाह को अपनी भूमिका में बने रहने की अनुमति मिल गई.

वक्फ बिल संसद में पेश
गौरतलब है कि वक्फ बिल संसद में पेश हो चुका है। बिल पास होने के बाद वक्फ बोर्ड में मुसलमानों की भूमिका बदल जाएगी. नए कानून में महिलाओं समेत हिंदू समुदाय के लोगों की भी अहम भूमिका होगी. साथ ही जिले के डीएम के पास सबसे ज्यादा ताकत होगी.

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