हराम और हलाल की बहस के बीच क्या करें मुसलमान? इस तरह खरीदें सामान
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हराम और हलाल की बहस के बीच क्या करें मुसलमान? इस तरह खरीदें सामान

Uttar Pradesh News: हलाल सर्टिफिकेट का मुद्दा सुप्रीम कोर्ट में पहुंच गया है. हलाल सर्टिफकेट देने वाली संस्थाएं कह रही हैं इस पर बैन हाटाया जाए. जबकि सरकार का कहना है कि ये संस्थाएं गैर जरूरी चीजों को हलाल सर्टिफिकेट दे रही हैं. ऐसे में हम आपको बता रहे हैं कि क्या चीजें हलाल हैं और क्या हराम हैं.

हराम और हलाल की बहस के बीच क्या करें मुसलमान? इस तरह खरीदें सामान

Uttar Pradesh News: उत्तर प्रदेश सरकार ने 18 नवंबर 2023 को हलाल सर्टिफिकेट पर पाबंदी लगा दी है. इसके खिलाफ हलाल इंडिया प्राइवेट लिमिटेड और उलेमा ए हिंद महाराष्ट्र की तरफ से सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दाखिल की गई. याचिका में मांग की गई कि हलाल सर्टिफिकेट जारी करने वाली संस्थाओं से बैन हटाया जाए. इस पर सुप्रीम कोर्ट में सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने अपनी दलील पेश करते हुए कहा कि हलाल सर्टिफिकेट महज मांस उत्पादों पर नहीं दिया जाता बल्कि, सीमेंट, सरिया, आटा, बेसन और पानी की बोतलों के लिए भी जारी किया जाता है, जो सरासर गलत है. इससे हलाल प्रोडक्ट के नाम पैर उन चीज़ों की भी कीमतें बढ़ जाती है, जिसमें हलाल प्रमाणन की कोई ज़रुरत नहीं है.  इस मामले पर अगली सुनवाई मार्च के आखिरी हफ्ते में होगी. ऐसे में हम आपको बता रहे हैं कि हलाल और हराम क्या है?

क्या है हलाल?
हलाल उन चीजों को कहते हैं जिन चीजों को इस्लाम में वैध करार दिया गया हो. यहाँ पर हलाल का मतलब ख़ास तौर पर खाने-पीने की जीचों पर लागू होती है. कई कंपनियां खाने-पीने वाली चीजों को बेचती हैं. इस पर वे हलाल लिखती हैं. सभी सब्जियां और फल हलाल होते हैं. इसमें हलाल हराम का कोई मसला नहीं है. कुछ डिब्बा बंद खाद पदार्थों में हलाल का मसला फंस जाता है, क्यूंकि कुछ बहुराष्ट्रीय कंपनिया अपने खाद्य पदार्थों में अल्कोहल या फिर सूअर की चर्बी का इस्तेमाल करते हैं. मछली को इस्लाम में हलाल बताया गया है.. लेकिन मांस के मामले में इस्लाम में सपष्ट तौर पर बताया गया है कि कौन से जानवर का मांस हराम है और किसका हलाल है. हलाल जानवरों का कुरआन में साफ़ तौर पर उल्लेख किया गया है. जानवर को मारने के लिए हलाल तरीके यानी उसे जबह करने का आदेश है. किसी दूसरे विधि से मारे गए या मरे हुए जानवर का मांस भी इस्लाम में हराम बताया गया है. हराम का यहाँ सीधा मतलब है, जो इंसान के सेहत के लिए नुकसानदेह है. यही से हलाल प्रोडक्ट की मांग और ज़रुरत महसूस होती है. जिसका फायदा कुछ कंपनिया हलाल प्रोडक्ट बनाकर उठा रही है. 

पीने वाली चीजों में हलाल
सभी तरह के जूस हलाल होते है. सब्जियों के जूस हलाल होते हैं. कोका कोला और पेपसी जैसी कंपनियां जो अपने प्रोडक्ट पर हलाल लिखती हैं, वह सभी हलाल हैं. पीने वाली जिन चीजों में एल्कोहल होता है, वह चीजें हराम होती है. एल्कोहल एक नशीला पदार्थ है. इसलिए एल्कोहल इस्लाम में हराम है. पेय पदार्थों में हलाल प्रमाणन से इसमें किसी हराम चीज़ के मिले होने का संदेह नहीं रहता है. इसलिए लोग हलाल प्रमाणन पर भरोसा करते हैं. 

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हलाल चीजों का मार्केट
हलाल खाना ब्रिटेन और अमेरिका में मुसलमानों के लिए के बढ़ता बाजार है. यहां पर अलग-अलग कंपनियां अपने खाने का प्रचार खास समुदाय के तहत करती हैं. ऐसे में यहां मुसलमान उन्ही दुकानों से खाना खरीदना पसंद करते हैं, जो लोग हलाल खाना बेचने का दावा करते हैं. इस वक़्त दुनिया भर में हलाल प्रोडक्ट की मांग बढ़ रही है. इसका सालाना अरबों डॉलर का कारोबार है. खुद भारत भी हलाल प्रमाणन के साथ अपने ढेर सारे प्रोडक्ट मिडिल ईस्ट के देशों में निर्यात कर रहा है. 

क्या करें मुसलमान?
जब हलाल पर बहस बहुत ज्यादा बढ़ गई है, ऐसे में मुस्लिम लोगों को चाहिए कि उन चीजों को मार्केट से खरीदें जिन पर ये शक न हो कि ये हराम हो सकती हैं, जैसे कि सब्जी और फल. इसके अलावा अगर आप कहीं से मीट या गोश्त खरीद रहे हैं, तो दुकानदार से पता कर लें कि वह हलाल गोश्त बेच रहा है या नहीं. इसके बाद बात आती है पैकेट बंद चीजों की. अगर आप कोई पैकेट बंद चीजें खरीद रहे हैं, तो देख ले कि वह शाकाहारी है कि नहीं. अगर शाकाहारी का निशान है तो बेझिझक खरीद लें. अगर उस पर मांसाहारी का निशान लगा है, और आपको शक हो रहा है कि हराम चीज भी मिली हो सकती है, ऐसे में आप उस चीज को खरीदने से परहेज करें.

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