Houthi Rebels: आखिर क्या है मकसद? सरकारी बलों और हूती विद्रोहियों के बीच ताजा संघर्ष में 10 की मौत
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Houthi Rebels: आखिर क्या है मकसद? सरकारी बलों और हूती विद्रोहियों के बीच ताजा संघर्ष में 10 की मौत

Houthi Rebels: यमन में सरकारी बलों और हूती विद्रोहियों संघर्ष में 10 लोगों की मरने की खबर है. ये झड़प के मध्य प्रांत मारिब में इंटरनेशनल लेवल पर मान्यता प्राप्त सरकार से जुड़ी संयुक्त यमनी सेना और हूती लड़ाकों के बीच हुई.

Houthi Rebels: आखिर क्या है मकसद? सरकारी बलों और हूती विद्रोहियों के बीच ताजा संघर्ष में 10 की मौत

Houthi Rebels: यमन में सरकारी बलों और हूती विद्रोहियों संघर्ष में 10 लोगों की मरने की खबर है. ये झड़प के मध्य प्रांत मारिब में इंटरनेशनल लेवल पर मान्यता प्राप्त सरकार से जुड़ी संयुक्त यमनी सेना और हूती लड़ाकों के बीच हुई. एक सैन्य अफसर ने रविवार को यह जानकारी दी.

सैन्य सूत्र ने नाम न छापने की शर्त पर कहा कि रविवार की शाम तेल से भरपूर शबवा प्रांत में शहर मारिब के दक्षिण में हरीब मोर्चे पर "जायंट्स ब्रिगेड, ज्वाइंट-प्रो गवर्नमेंट सपोर्ट फोर्स का हिस्सा और हूती लड़ाकों के बीच भयंकर टकराव हुआ"

हूती विद्रोहियों का मकसद
मारिब लंबे वक्त से चले आ रहे यमनी संघर्ष के जंग के मैदान के तौर पर उभरा है, क्योंकि हूतियों ने 2021 की शुरुआत में ऊर्जा से भरपूर मारिब प्रांत पर पूरी तरह से कंट्रोल हासिल करने के मकसद से एक बड़ा हमला शुरू किया था.

सरकार द्वारा नियंत्रित मारिब शहर का सियासी, सैन्य और माली अहमित बहुत ज्यादा है. यह डिफेंस मिनिस्टरी हेडक्वार्टर, सरकार समर्थक यमनी सेना नेतृत्व, प्रमुख सुरक्षित तेल क्षेत्र और रिफाइनरी और देश के सबसे बड़े बिजली प्लांट का घर है.

सूत्र ने कहा कि घंटे भर चली झड़प में भारी हथियारों का इस्तेमाल हुआ, जिससे चार सरकारी बलों के सदस्यों और छह हूती लड़ाकों की मौत हो गई, जबकि दोनों तरफ के नौ लोग घायल हो गए. सैन्य सूत्र ने कहा कि हूतियों ने रविवार को एक बैलिस्टिक मिसाइल प्रोजेक्ट किया, जिसमें मारिब शहर के पूर्व में वाडी जिले के हवाईक्षेत्र में विस्फोट हो गया. हालांकि, किसी के हताहत होने की खबर नहीं है.

यमन एक दशक से सऊदी समर्थित इंटरनेशनल लेवल पर मान्यता प्राप्त सरकार और ईरान समर्थित हूती के बीच घातक संघर्ष में उलझा हुआ है. संयुक्त राष्ट्र के मुताबिक, यह संघर्ष दुनिया के सबसे खराब मानवीय संकटों में से सबसे बड़ा कारण बना. हूतियों ने सितंबर 2014 से राजधानी सना समेत उत्तरी यमन के बड़े हिस्से पर कंट्रोल कर लिया है. मार्च 2015 में सऊदी अगुआई वाले सैन्य गठबंधन ने यमन में सरकार के समर्थन में हस्तक्षेप किया था.

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