तख्तापलट के बाद चांदी काट रहे बांग्लादेशी नेता; Ex PM खालिदा जिया ने भी बहती गंगा में धोया हाथ
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तख्तापलट के बाद चांदी काट रहे बांग्लादेशी नेता; Ex PM खालिदा जिया ने भी बहती गंगा में धोया हाथ

Bangladesh News: बांग्लादेश की पूर्व पीएम खालिदा जिया को आठ फरवरी, 2018 को ढाका की विशेष न्यायाधीश अदालत-5 ने जिया अनाथालय ट्रस्ट के नाम पर सरकारी धन के कथित गबन के लिए पांच साल के कारावास की सजा सुनाई थी. अब सुप्रीम कोर्ट से पूर्व पीएम को बड़ी राहत मिली है.

तख्तापलट के बाद चांदी काट रहे बांग्लादेशी नेता; Ex PM खालिदा जिया ने भी बहती गंगा में धोया हाथ

Bangladesh News: बांग्लादेश की पूर्व पीएम और बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी चीफ खालिदा जिया को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है. कोर्ट ने भ्रष्टाचार के एक मामले में पूर्व पीएम को बरी कर दिया है, साथ ही हाईकोर्ट के जरिए दी गई 10 साल की सजा को भी पलट दिया है.  ‘ढाका ट्रिब्यून’ की खबर के मुताबिक, हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ खालिदा (79) की अपील की समीक्षा के बाद चीफ जस्टिस डॉ. सैयद रेफात अहमद की अध्यक्षता वाली पीठ ने आज यानी 15 जनवरी को यह फैसला सुनाया.

‘ढाका ट्रिब्यून’ की रिपोर्ट के मुताबिक, सुप्रीम कोर्ट ने जिया, पार्टी के कार्यवाहक अध्यक्ष तारिक रहमान और अन्य सभी संदिग्धों को जिया अनाथालय ट्रस्ट भ्रष्टाचार मामले में उनकी अपील पर बरी कर दिया. खालिदा जिया के वकील ने दलील दी है कि यह मामला बदले की भावना से प्रेरित था. 

क्या है पूरा मामला
गौरतलब है कि जिया को आठ फरवरी, 2018 को ढाका की विशेष न्यायाधीश अदालत-5 ने जिया अनाथालय ट्रस्ट के नाम पर सरकारी धन के कथित गबन के लिए पांच साल के कारावास की सजा सुनाई थी. इसी फैसले में खालिदा जिया के बेटे तारिक और पूर्व मुख्य सचिव कमालुद्दीन सिद्दीकी सहित पांच अन्य आरोपियों को 10 साल की कठोर कारावास की सजा सुनाई गई. हर आरोपी पर 2.1 करोड़ टका का जुर्माना भी लगाया गया.

एक आरोपी है फरार
वहीं, मुल्जिमों में से तारिक, सिद्दीकी और जियाउर्रहमान का रिश्तेदार मोमिनुर रहमान अब भी फरार हैं. जिया ने अधीनस्थ अदालत के फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट में अपील की थी, लेकिन 30 अक्टूबर 2018 को न्यायमूर्ति एम. इनायतुर रहीम और न्यायमूर्ति एमडी मुस्तफिजुर रहमान की पीठ ने सजा को बढ़ाकर 10 साल कर दिया, इसके बाद जिया ने इस सजा के खिलाफ अपील दायर की. कानूनी प्रक्रियागत मुद्दों और अधिवक्ताओं की ओर से पहल की कमी के कारण सालों की देरी के बाद, अपीलीय प्रभाग ने 11 नवंबर 2024 को जिया की अपील स्वीकार कर ली. 

खालिदा जिया है बीमार
कोर्ट ने अपील की अंतिम सुनवाई तक हाईकोर्ट की 10 साल की सजा पर भी रोक लगा दी. सुनवाई खत्म होने के बाद अपीलीय प्रभाग ने जिया को बरी करने के अपने फैसले की घोषणा की और आधिकारिक तौर पर उन्हें मामले में आरोपों से मुक्त कर दिया. जिया बीमार हैं और इस महीने की शुरुआत में इलाज के लिए लंदन गई थीं. जिया, मार्च 1991 से मार्च 1996 तक और फिर जून 2001 से अक्टूबर 2006 तक बांग्लादेश की प्रधानमंत्री रहीं.

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