Pakistan News: इमरान खान अगस्त 2023 से जेल में हैं, लेकिन उनकी पार्टी के नेता नियमित रूप से उनसे मिलकर उनके खिलाफ कानूनी मामलों और मौजूदा राजनीतिक स्थिति पर चर्चा करते हैं.
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Pakistan News: पाकिस्तान की जेल में बंद पूर्व पीएम इमरान खान ने आज यानी 23 जनवरी को अपनी पार्टी से सात दिन की समयसीमा के भीतर न्यायिक आयोग का गठन करने में सरकार की विफलता के चलते उसके साथ हो रही बातचीत को खत्म करने को कहा है. सरकार और पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) ने राजनीतिक अस्थिरता को समाप्त करने के लिए पिछले महीने वार्ता शुरू की थी.
दोनों पक्षों के बीच तीन दौर की वार्ता हो चुकी है. 16 जनवरी को पिछले दौर की बातचीत के दौरान, खान की पार्टी ने सरकार के प्रतिनिधिमंडल को एक मांगपत्र सौंपा जिसे सात दिन में पूरा करने को कहा गया. प्रमुख मांगों में से एक 9 मई, 2023 और 26 नवंबर, 2024 की घटनाओं को साबित करने के लिए न्यायिक आयोगों के गठन की है.
सरकार ने कहा है कि अगली बैठक 28 जनवरी को होने की उम्मीद है, जब वह पीटीआई की मांगों पर औपचारिक रूप से प्रतिक्रिया देगी. हालांकि, पीटीआई के अध्यक्ष गौहर खान ने इमरान के साथ जेल में बैठक के बाद संवाददाताओं से कहा कि पार्टी संस्थापक ने बातचीत रोकने का फैसला किया है क्योंकि सरकार ने दोनों आयोगों का गठन नहीं किया है. गौहर ने कहा, ‘‘सरकार ने सात दिन के भीतर आयोग बनाने की प्रतिबद्धता जताई थी, लेकिन वह इसे पूरा करने में विफल रही.’’
सरकार से बात करना नहीं चाहते हैं इमरान खान
पीटीआई के संस्थापक इमरान खान ने स्पष्ट रूप से घोषणा की है कि आगे कोई भी वार्ता नहीं होगी. उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा अपनी प्रतिबद्धताओं का पालन न किए जाने के चलते वार्ता जारी रखने का कोई कारण नहीं रह जाता. इससे पहले, विपक्षी नेता उमर अयूब खान ने भी चेतावनी दी थी कि आयोगों पर ठोस कदम उठाए बिना आगे की वार्ता निरर्थक होगी.
साल 2023 जेल में बंद इमरान खान
इमरान अगस्त 2023 से जेल में हैं, लेकिन उनकी पार्टी के नेता नियमित रूप से उनसे मिलकर उनके खिलाफ कानूनी मामलों और मौजूदा राजनीतिक स्थिति पर चर्चा करते हैं. इमरान खान पीटीआई वार्ता दल की प्रमुख मांग सात दिन के भीतर आयोगों का गठन करने की थी. उसने यह भी मांग की कि न्यायिक आयोगों में सुप्रीम कोर्ट या उच्च न्यायालयों के तीन सीनियर न्यायाधीश होने चाहिए, जिनकी कार्यवाही जनता और मीडिया के लिए खुली हो. प्रधानमंत्री के सहयोगी और वार्ता दल का हिस्सा राणा सनाउल्लाह ने पीटीआई पर अड़ियल रवैये का आरोप लगाते हुए इसकी आलोचना की.