Iran Praises Trump: ईरान सहित विदेशी फंडिंग में कटौती के अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के ऐलान के बाद ईरानी मुद्रा की कीमत गिरकर 8 लाख तक पहुँच गई है. इसके बावजूद ईरान की सरकार ट्रम्प के इस फैसले से खुश है और उससे बात चीत के मौके तलाश रहा है.
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तेहरान: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के तेहरान को टारगेट कर दिए गए एक बयान और आदेश के बाद बुधवार को ईरान की करेंसी अपने रिकॉर्ड नीचले स्तर पर पहुच गयी है. एक डॉलर की कीमत लगभग 850,000 ईरानी रियाल तक पहुँच गया है. एक दशक पहले, 1 अमेरिकी डॉलर 32,000 रियाल के बराबर होता था.
ईरानी मुद्रा में ये रिकॉर्ड गिरावट डोनाल्ड ट्रंप के ईरान पर दबाव बनाने को लेकर फिर से मुहिम शुरू करने के एक आदेश के बाद आयी है.
ट्रंप के इस नए आदेश के तहत ईरान के तेल निर्यात को रोकने और ईरान पर संयुक्त राष्ट्र के प्रतिबंधों को फिर से लागू करने की अपील की गयी है. मंगलवार को ईरान पर कार्यकारी आदेश पर दस्तखत करते वक़्त, ट्रम्प ने चेतावनी दी कि अगर तेहरान द्वारा उनकी हत्या कर दी गई तो देश "मिट जाता", लेकिन उन्होंने फिर भी बातचीत के लिए दरवाजा खुला रखा है. ट्रम्प ने ऐसा इसलिए कहा, क्यूंकि ट्रम्प मानते हैं कि अमेरिका में चुनाव प्रचार के दौरान ट्रम्प पर हुए जानलेवा हमले में ईरान का हाथ था.
यूरेनियम कार्यक्रम छा सकता है संकट का बादल
ट्रम्प के इन नए प्रतिबंधों से ईरान के अरबों डॉलर और हथियार स्तर के यूरेनियम को समृद्ध करने के कार्यक्रम पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं. इसके बावजूद ईरान ट्रम्प के इस फैसले को सही मान रहा है. ट्रम्प के इस रुख के बाद से ईरानी अफसर ट्रम्प से मिलने और वार्ता करने के लिए मौके की तलाश में जुट गए हैं.
ट्रम्प ने रोकी ईरान में फंडिंग
इससे पहले राष्ट्रपति ट्रम्प द्वारा विदेशी सहायता पर खर्च को रोकने और यू.एस. एजेंसी फॉर इंटरनेशनल डेवलपमेंट में बदलाव करने या शायद उसे ख़त्म करने के कदमों की ईरानी सरकारी मीडिया ने तारीफ की थी. रिपोर्ट्स में कहा गया था कि US के इन फ़ैसलों से ईरान के शिया धर्मतंत्र के विरोधियों, लोकतंत्र समर्थक कार्यकर्ताओं और यू.एस. सरकार द्वारा दुनिया भर में लोकतंत्र की मदद करने के प्रयासों के तहत कार्यक्रमों के माध्यम से समर्थित अन्य लोगों को मिलने वाली अमेरिकी फंडिंग रुक जाएगी.
आम ईरानी नागरिक चिंतित
इस बीच, आम ईरानी नागरिक चिंतित हैं कि अमेरिका का ईरान को लेकर ये रुख क्या मायने रख सकता है? उत्तरी तेहरान में एक कॉफी शॉप में 27 वर्षीय वेट्रेस मरियम फराजी ने कहा, "यह ईरान के अंदर कट्टरपंथियों को दमन जारी रखने के लिए प्रोत्साहित करता है, क्योंकि उन्हें लगता है कि अमेरिका के पास आज़ादी चाहने वाले ईरानी लोगों की हिमायत करने की कम क्षमता होगी."
ईरानी मीडिया का मनना है कि ट्रम्प की कटौती ईरान में विपक्ष को रोक सकती है.
ईरान में यहाँ पैसे खर्च करता था अमेरिका, जिसे रोक दिया है
गौरतलब है कि ईरान में नागरिक समाज के लिए फंड का एक बड़ा हिस्सा अमेरिकी विदेश विभाग क्षेत्रीय लोकतंत्र फंड से आया है, जिसे NERD के नाम से जाना जाता है, जो 2009 में ग्रीन मूवमेंट विरोध के लिए अमेरिकी प्रतिक्रिया के रूप में विकसित हुआ था. कांग्रेसनल रिसर्च सर्विस के मुताबिक, 2024 में, बिडेन प्रशासन ने NERD के लिए $65 मिलियन डॉलर का अनुरोध किया था, जबकि कांग्रेस द्वारा इस फंड के लिए $600 मिलियन से ज़यादा का विनियोजन किया गया था. ईरान में यह फंड पत्रकारों और कार्यकर्ताओं को मानवाधिकारों के हनन की रिपोर्ट करने, सरकारी शटडाउन और इंटरनेट तक पहुँच के लिए प्रशिक्षण पर खर्च किया गया था. हालांकि अमेरिका ने कभी भी इन पैसे का इस्तेमाल करने वाली एजेंसी या व्यक्ति का खुलासा नहीं किया. अमेरिकी अधिकारियों ने कई वर्षों से NERD अनुदान प्राप्तकर्ताओं को गुप्त रखा है. वे ईरान में कार्यकर्ताओं को होने वाले जोखिम को देखते हैं, उनका नाम लेने से बचते हैं. खासकर ईरानी खुफिया अधिकारियों द्वारा अपहरण या हत्या की साजिश में ऐसे लोगों को निशाना बनाया जाता है.
अमेरिका को लेकर नरम हो रहा है ईरानी नेताओं का रुख
ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई, जो सभी राज्य मामलों पर आखिरी फैसला लेते हैं, ने सितंबर में एक भाषण में अमेरिका के साथ बातचीत के लिए दरवाज़े खोलते हुए कहा था कि "दुश्मन" के साथ बातचीत करने में "कोई बुराई नहीं है." हालांकि, विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता बागेही ने कबूल किया है कि ईरान को अभी तक बातचीत के लिए कोई "हरी बत्ती" नहीं मिली है. ईरान यह इशारा देने के लिए हर मुमकिन कोशिश कर रहा है कि वह ट्रम्प से बातचीत चाहता है.
वहीँ, ईरान के सुधारवादी राष्ट्रपति मसूद पेजेशकियन, ने सोमवार को अपने अफसरों से ईरानी लोगों की असहमति को सुनने और 2022 में महसा अमिनी की मौत के बाद की गई कार्रवाई जैसी कार्रवाई से बचने की अपील की थी. पेजेशकियन ने कहा, "दुश्मन उम्मीद कर रहे हैं कि ईरान के अन्दर विवाद भड़काकर वे लोगों को सड़कों पर उतार देंगे और फिर खुद विरोध की लहर पर सवार हो जाएंगे."