Quran Burning: तुर्किए के राष्ट्रपति रेसेप तैयप एर्दोगन ने स्वीडन में कुरान जलाए जाने की घटना पर नाराजगी जाहिर की है. कुरान जलाने की घटना के बाद से दुनिया भर के मुस्लिम देश स्वीडन से खफा है. पूरी खबर पढ़ने के लिए नीचे स्क्रॉल करें.
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Quran Burning: तुर्किए के राष्ट्रपति रेसेप तैयप एर्दोगन ने स्वीडन में कुरान जलाए जाने की घटना पर गुस्से का इजहार करते हुए उन्होंने स्वीडन को धमकी दी है. एर्दोगन ने कहा, "अगर पाक कुरान के बेहुरमति की मामलों पर स्वीडन लगाम नहीं लगा पाता है तो उसकी नाटो सदस्यता में देरी हो सकती है."
ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट के मुताबिक, रविवार को हंगरी से तुर्किए जाते समय राष्ट्रपति एर्दोगन ने कहा, "स्वीडन को सबसे पहले स्टॉकहोम की सड़कों का ध्यान रखना चाहिए. अगर वे अपनी सड़कों की देखभाल नहीं करते हैं. उन चीज़ों का ध्यान नहीं रख सकते. जिन्हें हम पाक मानते हैं तो उन्हें हमें दोष नहीं देना चाहिए. उनकी नाटो सदस्यता में देरी हो सकती है."
दरअसल, लंबे समय के विरोध के बाद इसी साल जुलाई में एर्दोगन ने नए सदस्य के तौर पर स्वीडन को मंजूरी दे दी थी. तुर्किए की तरफ से मंजूरी मिलने के बाद स्वीडन के रास्ते की आखिरी रुकावट भी खत्म हो गई है. राष्ट्रपति पिछले एक साल से स्वीडन की सदस्यता का मुखालिफत कर रहे थे. इसके साथ ही हंगरी पहले ही स्वीडन के नाम पर सहमति जता चुका है.
कुरान जलाने की घटना के बाद से दुनिया भर के मुस्लिम देश स्वीडन से खफा है. वहीं, स्वीडन का कहना है, "रूस ने उसकी अंतरराष्ट्रीय छवि खराब करने का प्रयास किया है. रूस समर्थित लोग यह प्रोपगेंडा कर रहे हैं कि स्वीडन कुरान जलाने का समर्थन करता है. ऐसा कर वह उसके नाटो में शामिल होने की उसकी कोशिशों में अड़ंगा डाल रहा है."
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