बांग्लादेश बॉर्डर पर रोहिंग्याओं पर ड्रोन से हमला, 200 की मौत, जानें किस देश ने किया हमला?
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बांग्लादेश बॉर्डर पर रोहिंग्याओं पर ड्रोन से हमला, 200 की मौत, जानें किस देश ने किया हमला?

Rohingya News: रोहिंग्या मुसलमानों और म्यांमार के बहुसंख्यक बौद्ध समुदाय के बीच विवाद 1948 में म्यांमार की आज़ादी के बाद से ही चल रहा है. इसके बाद से ही लगातार रोहिंग्या मुसलमानों पर हमले हो रहे हैं. जिसकी वजह लोग पलायन करने पर मजबूर हैं.

बांग्लादेश बॉर्डर पर रोहिंग्याओं पर ड्रोन से हमला, 200 की मौत, जानें किस देश ने किया हमला?

Rohingya News: म्यांमार में फिर से रोहिंग्याओं पर हमले हो रहे हैं, जिसकी वजह से देश छोड़ने पर मजबूर हैं. इस दौरान देश छोड़कर बांग्लादेश भाग रहे रोहिंग्याओं पर ड्रोन हमला हुआ है. जिसमें कम से कम 200 लोगों की मौत हो गई है. इस हमले में एक प्रेग्नेंट औरत और उसकी 2 साल की बेटी की भी मौत हो गई है.

चश्मदीदों ने क्या बताया?
न्यूज एजेंसी रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक, घटनास्थल पर मौजूद लोगों ने बताया कि लोग अपने परिवारवालों की तलाश में लोग शवों के ढेर पलटते नजर आए. चश्मदीद, कार्यकर्ताओं और एक राजनयिक ने सोमवार को हुए इस ड्रोन हमले का जिक्र करते हुए बताया कि यह हमला पड़ोसी देश बांग्लादेश के बॉर्डर पर हुआ है. 

मिलिशिया और म्यांमार सेना ने एक-दूसरे को ठहराया जिम्मेदार
मिलिशिया और म्यांमार सेना ने इस हमले के लिए एक-दूसरे को जिम्मेदार ठहराया. इल्जाम है कि यह हमला उस वक्त हुआ, जब लोग बांग्लादेश की सीमा पार करने का इंतजार कर रहे थे. कीचड़ में सने दिख रहे हैं शव रिपोर्ट के मुताबिक, सोशल मीडिया पर पोस्ट किए गए वीडियो में कीचड़ भरी जमीन पर शवों के ढेर और उनके आसपास उनके सूटकेस और बैकपैक पड़े दिख रहे हैं. तीन जिंदा बचे लोगों ने बताया कि 200 से ज़्यादा लोग मारे गए हैं.

अचानक हुआ ड्रोन हमला
रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक, यह हमला म्यांमार के तटीय शहर मौंगडॉ के ठीक बाहर हुआ. 35 साल के एक चश्मदीद मोहम्मद इलियास ने बताया कि हमले में उनकी प्रेंगनेंट बीवी और 2 साल की बेटी जख्मी हो गई, जिसकी बाद में मौत हो गई. इलियास ने बताया कि जब ड्रोन ने भीड़ पर हमला करना शुरू किया, तब वह उनके साथ समुद्र तट पर खड़ा था.

क्या है पूरा मामला
दरअसल, रोहिंग्या मुसलमानों और म्यांमार के बहुसंख्यक बौद्ध समुदाय के बीच विवाद 1948 में म्यांमार की आज़ादी के बाद से ही चल रहा है. ऐसा कहा जाता है कि 16वीं शताब्दी से ही मुस्लिम राखिने राज्य, जिसे अराकान के नाम से भी जाना जाता है, जहां, उन्हें रखा गया था. यह वह दौर था जब म्यांमार ब्रिटिश शासन के अधीन था. 1826 में जब पहला एंग्लो-बर्मी युद्ध समाप्त हुआ, तब अराकान ब्रिटिश शासन के अधीन था. 

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