AICTE Scholarship: महिला दिवस पर अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद ने छात्रों को बड़ी सौगात दी है. काउंसिल ने एआईसीटीई अप्रूव्ड संस्थानों में पढ़ने वाली यूजी प्रबंधन/कंप्यूटर एप्लीकेशन (बीबीए/बीसीए/बीएमएस) की तालिबात के लिए नई स्कॉलरशिप स्कीम का ऐलान किया है.
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AICTE: अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई) ने शुक्रवार को तलबा के लिए स्कॉलरशिप स्कीम लॉन्च कर उन्हें बड़ा तोहफा दिया है. काउंसिल ने एआईसीटीई अप्रूव्ड संस्थानों में पढ़ने वाली यूजी प्रबंधन/कंप्यूटर एप्लीकेशन (बीबीए/बीसीए/बीएमएस) के तलबा के लिए एक नई स्कॉलरशिप स्कीम का ऐलान किया है. इसके तहत माली तौर पर कमजोर परिवारों के प्रत्येक पात्र होनहार छात्रा को सालाना 25000 रुपये दिये जाएंगे. देश भर के एआईसीटीई अप्रूव्ड संस्थानों से कुल 3000 पात्र छात्राओं को यह स्कॉरलशिप दी जाएगी.
इस स्कीम पर काउंसिल तीन साल तक सालाना 7.5 करोड़ रुपये खर्च करेगा. महिला दिवस के खास मौके पर होने वाली समारोह में एआईसीटीई के अध्यक्ष प्रोफेसर टी.जी. सीताराम ने इस स्कीम का ऐलान किया. इस दौरान शिक्षा राज्य मंत्री की निजी सचिव, रोहिणी भाजीभाकरे (आईएएस) बतौर चीफ गेस्ट प्रोग्राम में शिरकत की. एआईसीटीई के अध्यक्ष प्रो. टी.जी. सीताराम ने कहा कि इदारा महिलाओं को सशक्त बनाने एवं तकनीकी और प्रबंधन शिक्षा में उनकी पूरी क्षमता को निखारने के लिए काम कर रहा है.
इंजीनियरिंग की छात्रों के लिए हमारे पास प्रगति स्कीम पहले से ही है. चूंकि बीबीए, बीसीए और बीएमएस सेलेबस इस साल से ही एआईसीटीई के दायरे में आए हैं, इसलिए लैंगिक समानता को बढ़ावा देने, सस्ती एजुकेशन देने और प्रबंधन शिक्षा में लड़कियों को सशक्त बनाने के लिए यह खास स्कीम शुरू की गई है. एआईसीटीई समावेशी वातावरण को बढ़ावा देता है जहां महिलाएं आगे बढ़ सकें और इंजीनियरिंग व मैनेजमेंट के मैदान में अहम रोल अदा कर सकें. एआईसीटीई के अध्यक्ष ने कहा कि, हाल के बरसों में एआईसीटीई अप्रूव्ड संस्थानों में छात्राओं के नॉमिनेशन का सिलसिला लगातार बढ़ रहा है. साल 2022-23 में 39 फीसद छात्राओं ने एडमिशन लिया है. जबकि साल 2020-21 में यह 30 फीसद और 2021-22 में यह 36 फीसद था.
इंजीनियरिंग डिप्लोमा और स्नातक पाठ्यक्रम में एडमिशन लेने वाली छात्राओं की तादाद भी बढ़ी है. साल 2022-23 में 29 फीसद महिलाओं ने इंजीनियरिंग डिप्लोमा और 44 फीसद ने इंजीनियरिंग स्नातक पाठ्यक्रमों में एडमिशन लिया. साल 2019-20 में इंजीनियरिंग स्नातक में महिलाओं का नामांकन 29 फीसद था जो लगातार दो बरसों में बढ़कर 31 फीसद और 40 फीसद हो गया है. उन्होंने कहा कि इंजीनियरिंग और प्रबंधन में महिलाओं को बढ़ावा देना और उनका सपोर्ट करना साल 2047 तक विकसित भारत के टारगेट को हासिल करने की दिशा में एक कारगर कदम होगा.