महंगाई, ‘अग्निपथ’, जांच एजेंसियों के कथित दुरुपयोग के मुद्दों पर संसद के मानसून सत्र में विपक्षी दल सरकार को घेर सकते हैं. द्रमुक के बालू और अन्नाद्रमुक के थंबिदुरई ने श्रीलंका के संकट का विषय भी उठाया और कहा कि भारत को इस मामले में हस्तक्षेप करना चाहिए.
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नई दिल्लीः विभिन्न विपक्षी दलों के नेताओं ने इतवार को मांग की कि संसद के मॉनसून सत्र में महंगाई, सेना में भर्ती की नई स्कीम ‘अग्निपथ’ और जांच एजेंसियों के कथित दुरुपयोग के मुद्दां पर चर्चा कराई जाए. साथ ही उन्होंने सरकार द्वारा बुलाई सर्वदलीय बैठक में ‘असंसदीय शब्दों’ की सूची को लेकर भी ऐतराज जताया. विपक्षी नेताओं ने एकमत से सशस्त्र बलों में भर्ती की ‘अग्निपथ’ स्कीम को फौरन वापसी की मांग की और सोमवार से शुरू हो रहे सत्र में महंगाई और अर्थव्यवस्था की स्थिति जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा कराने की मांग की है.
14 दिन में 32 बिल कैसे पास करेंगी सरकार
संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने बैठक के बाद कहा कि सरकार संसद के नियमों और प्रक्रियाओं के तहत सभी मुद्दों पर चर्चा के लिए तैयार है. राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने बैठक में पूछा कि संसद सत्र में 14 दिन में 32 बिल कैसे पास करेंगे, जिन्हें सरकार ने कार्यसूची में रखा है. उन्होंने कहा, ‘‘हमने महंगाई, अग्निपथ, देश के संघीय ढांचे पर हमला और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) और केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) जैसी जांच एजेंसियों के दुरुपयोग समेत 13 विषय उठाए हैं.’’
असंसदीय शब्दों की सूची पर उठे विवाद पर सवाल
आईयूएमएल नेता ई. टी. मोहम्मद बशीर ने कहा कि सभी विपक्षी दलों ने ‘अग्निपथ’, महंगाई और लोकसभा सचिवालय द्वारा निकाली गई नई पुस्तिका में असंसदीय शब्दों की सूची पर उठे विवाद के विषयों को उठाया. संसदीय कार्य मंत्री जोशी ने पिछले कई वर्षों से नियमित रूप से जारी किए जा रहे असंसदीय शब्दों की सूची और परिपत्रों पर विवाद पैदा करने के लिए विपक्ष की निंदा करते हुए कहा कि 1954 से इस तरह की परिपाटी चली आ रही है, जब पहली ऐसी सूची पेश की गई थी. उन्होंने कहा कि विपक्ष ऐसा इसलिए कर रहा है, क्योंकि उसके पास सरकार के खिलाफ कोई मुद्दा नहीं है.
बैठक में प्रधानमंत्री की गैरमौजूदगी को लेकर आलोचना
सर्वदलीय बैठक में प्रधानमंत्री की गैरमौजूदगी को लेकर विपक्ष की आलोचना पर, मंत्री ने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री 2014 से पहले कभी भी सर्वदलीय बैठकों में शामिल नहीं हुए, जब कांग्रेस सत्ता में थी.’’ उन्होंने कहा कि सरकार मंगलवार को श्रीलंका की स्थिति पर एक सर्वदलीय बैठक करेगी, जिसकी अध्यक्षता केंद्रीय मंत्री निर्मला सीतारमण और एस. जयशंकर करेंगे. इससे पहले अखिल भारतीय अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कषगम(अन्नाद्रमुक) नेता एम. थंबिदुरई ने संसद में महिला आरक्षण विधेयक लाने की मांग की। द्रमुक के बालू और अन्नाद्रमुक के थंबिदुरई ने श्रीलंका के संकट का विषय भी उठाया और कहा कि भारत को इस मामले में हस्तक्षेप करना चाहिए.