India Independence Day 2022: हिंदू-मुस्लिम एकता के पैरोकार मौलाना आज़ाद कभी भी मुस्लिम लीग की टू नेशन थ्योरी के समर्थक नहीं बने, उन्होंने खुलकर इसका विरोध किया. मौलाना आज़ाद ने पाकिस्तान के संबंध में कई भविष्यवाणियां पहले ही कर दी थीं.
Trending Photos
Maulana Abul Kalam Azad predicted the formation of Bangladesh in 1946: 15 अगस्त 1947 को भारत आजाद हुआ था. ठीक इसी समय इसका विभाजन भी हुआ, और पाकिस्तान नाम का एक नया देश बना. भारत और पाकिस्तान अग्रेजों से आजादी हासिल कर दो आजाद राष्ट्र तो बन गए, लेकिन 75 साल पहले जो बंटवारा हुआ, उसका जख्म आज तक नहीं भरा है. इस कड़ी में हम उस मर्दे मुजिहाद के बारे में बात करेंगे जो आखिरी वक्त तक बंटवारे को कुबूल नहीं सके और हर मुमकिन हद तक इसे रोकने की कोशिश की, लेकिन कुदरत को कुछ और ही मंजूर था. हम बात कर रहे हैं भारत के पहले शिक्षा मंत्री मौलाना अबुल कलाम आज़ाद की.
हिंदू-मुस्लिम एकता के पैरोकार मौलाना आज़ाद कभी भी मुस्लिम लीग की टू नेशन थ्योरी के समर्थक नहीं बने, उन्होंने खुलकर इसका विरोध किया. मौलाना आज़ाद ने पाकिस्तान के संबंध में कई भविष्यवाणियां पहले ही कर दी थीं. उन्होंने पाकिस्तान बनने से पहले ही कह दिया था कि यह देश एकजुट होकर नहीं रह पाएगा. मौलाना आजाद ने जो बातें पाकिस्तान बनने से पहले 1946 में ही कह दी थीं, वह पाकिस्तान बनने के कुछ सालों बाद ही 1971 में सच साबित हो गईं.
ये वीडिये भी देखिए:
आजाद ने अप्रैल 1946 में लाहौर के उर्दू मैगजीन ‘चट्टान’ को इंटरव्यू दिया था. इस दौरान उन्होंने कहा था, 'जब तक जिन्ना या लियाकत अली जिंदा हैं, तब तक पूर्वी पाकिस्तान का भरोसा बना रहेगा. उनके जाने के बाद मामूली घटना को लेकर पूर्वी और पश्चिमी पाकिस्तान के बीच असंतोष पनप सकता है दूरियां बढ़ सकती हैं. मुझे लगता है कि पूर्वी पाकिस्तान का लंबे समय तक पश्चिमी पाकिस्तान के साथ बने रहना मुमकिन नहीं होगा. दोनों क्षेत्रों में मुस्लिम आबादी के अलावा कोई भी चीज कॉमन नहीं है. सच तो ये है कि सिर्फ मुसलमान होने की वजह से दुनिया में कहीं भी टिकाऊ राजनीतिक एकता कायम नहीं की जा सकी है.’
भारत से पाकिस्तान जाने वाले मुसलमानों को आजाद ने सलाह दी थी कि वह पाकिस्तान की तरफ पलायन ना करें. क्योंकि वह वक्त दूर नहीं जब पाकिस्तान में पहले से रहने वाले लोग अपनी क्षेत्रीय पहचान के लिए उठ खड़े होंगे और भारत से वहां जाने वाले लोगों से बिन बुलाए मेहमान की तरह पेश आने लगेंगे.
मौलाना आजाद ने कहा था कि बंटवारे की सियासत ही दोनों देशों के बीच रुकावट बन जाएगी. पाकिस्तान के लिए भारत के सभी मुसलमानों के पनाह देना संभव नहीं है, क्योंकि उनके पास इनती जमीन नहीं है. दूसरी हिंदुओं के लिए पश्चिम पाकिस्तान में रुकना नामुमकिन हो जाएगा. उन्हें या तो वहां से भगा दिया जाएगा या वो खुद ही वहां से चले आएंगे. जिस हिंदू-मुस्लिम समस्या की वजह से कांग्रेस और लीग के बीच राजनीतिक टकराव हुआ, वही आगे दोनों देशों के बीच मतभेद की वजह से बनेगा और अंतराष्ट्रीय ताकतों की मदद से भविष्य में दोनों के बीच युद्ध हो सकता है.’
आज जब हम पीछे मुड़ कर देखते हैं तो मौलाना आज़ाद की अक़्ल की दाद देनी पड़ती है. उन्होंने वक्त से बहुत पहले ही पाकिस्तान को लेकर जो भविष्यवाणियां की थीं वह सच साबित हुईं.