सरकारी अस्पाताल में डिलिवरी डेट से 3 माह पहले डॉक्टर ने कर दिया सिजेरियन ऑपरेशन !
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सरकारी अस्पाताल में डिलिवरी डेट से 3 माह पहले डॉक्टर ने कर दिया सिजेरियन ऑपरेशन !

C-section Operation of pregnant woman in Assam: यह मामला असम के करीमगंज सिविल अस्पताल का है, जहां गर्भवती महिला का ऑपरेशन हुआ है, इसकी जांच के लिए 11 सदस्यीय समिति गठित की गई है. 

 

अलामती तस्वीर

करीमगंजः असम के एक सरकारी अस्पताल में एक स्त्रीरोग विशेषज्ञ ने प्रसव के तयशुदा वक्त से करीब साढ़े तीन महीने पहले ही एक गर्भवती महिला का कथित रूप से ऑपरेशन कर दिया. जब उसे पता चला कि भ्रूण पूरी तरह से विकसित नहीं हुआ है, तब उसने टांके लगा दिए. गर्भवती महिला का करीमगंज सिविल अस्पताल में यह ऑपरेशन हुआ था. अस्पताल के अधिकारियों ने इतवार को कहा कि तथ्यों को सुनिश्चित कर लेने के लिए जांच कराई जा रही है.

जांच के लिए 11 सदस्यीय समिति गठित
इस मामले में संबंधित डॉक्टर ने कथित रूप से इस मामले को दबाने की कोशिश की और गर्भवती महिला के परिवार के सदस्यों से इसके बारे में किसी को नहीं बताने को कहा था, लेकिन अस्पताल से छुट्टी मिलने के बाद जब मरीज का स्वास्थ्य बिगड़ने लगा तब उसके रिश्तेदारों और पड़ोसियों को इसके बारे में पता चला. अस्पताल प्रशासन ने कहा, ‘‘हमें इस मामले के बारे में रिपोर्ट मिली है. हम शिकायत की जांच कर रहे हैं. डॉक्टर या किसी अन्य के कसूरवार जाने पर उसके खिलाफ कार्रवाई जांच रिपोर्ट के आधार पर ही की जाएगी.’’ इसने मामले की जांच के लिए 11 सदस्यीय समिति गठित की गई है.

महिला के तबियत बिगड़ने पर खुली पोल 
परिवार के मुताबिक, गर्भवती महिला को तबीयत सही नहीं लग रही थी, जिसके बाद उसे 21 अगस्त को उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया. परिवार के सदस्यों ने इल्जाम लगाया है कि दो दिनों तक निगरानी में रखने के बाद डॉक्टर ने अल्ट्रासाउंड कराए बिना ही 23 अगस्त को उसका ऑपरेशन कराने का फैसला किया जबकि उसे पता था कि दिसंबर के प्रारंभ में वह बच्चे को जन्म देने वाली है. उनका दावा है कि ऑपरेशन करने के बाद जब डॉक्टर को अहसास हुआ कि भ्रूण अभी अविकसित है, तब उसने भ्रूण को अंदर छोड़कर टांके लगा दिए.

भ्रूण को कोई नुकसान नहीं पहुंचा है

31 अगस्त को महिला को छुट्टी दे दी गई थी, और डॉक्टर ने परिवार से कथित रूप से कहा कि वह इसके बारे में किसी न बताए. परिवार के सदस्यों के मुताबिक घर लौटने के बाद मरीज की तबीयत बिगड़ने लगी और उसके पड़ोसियों और रिश्तेदारों को सारी बातें पता चल गई. जब उन लोगों ने अस्पताल प्रशासन के सामने यह विषय उठाया तब इसकी जांच शुरू की गई. महिला फिलहाल उसी अस्पताल में भर्ती है. परिवार के सदस्यों का कहना है कि अल्ट्रासाउंड से पता चला है कि भ्रूण को कोई नुकसान नहीं पहुंचा है.

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