ECI Notice on Rahul Gandhi: ECI ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी को कारण बताओ नोटिश जारी किया है. बीजेपी ने कांग्रेस नेता के खिलाफ इलेक्शन कमीशन का दरवाजा खटखटाया था और कहा था कि एक सीनियर लीडर के द्वारा इस तरह की भाषाओं का इस्तेमाल करना ‘दुर्भाग्यपूर्ण’ है.
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ECI Notice on Rahul Gandhi: कांग्रेस नेता और वायनाड से सांसद राहुल गांधी को इलेक्शन कमीशन ऑफ इंडिया ( Election Commission Of India ) ने कारण बताओ नोटिस जारी किया है. राहुल गांधी को ये नोटिस पीएम मोदी ( PM Modi ) के ऊपर निशाना साधते हुए की गईं ‘पनौती’, ‘जेबकतरे’ और कर्ज माफी संबंधी टिप्पणियों के लिए दिया गया है.
ECI ने राहुल गांधी ( Rahul Gandhi ) को शनिवार, 25 नवंबर के शाम तक जवाब देने के लिए कहा है. सत्तारूढ़ बीजेपी ( भारतीय जनता पार्टी ) ने कांग्रेस नेता के खिलाफ इलेक्शन कमीशन का दरवाजा खटखटाया था और कहा था कि एक सीनियर लीडर के द्वारा इस तरह की भाषाओं का इस्तेमाल करना ‘दुर्भाग्यपूर्ण’ है.
कांग्रेस नेता ने पीएम को कहा था 'जेबकतरा'
इलेक्शन कमीशन ने गांधी को याद दिलाया कि आदर्श चुनाव आचार संहिता लीडरों को राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों के खिलाफ असत्यापित इल्जाम लगाने से रोकती है. बता दें कि राहुल गांधी ने एक चुनावी सभा में कहा था कि एक जेबकतरा ध्यान भटकाता है और दूसरा आपकी जेब काट लेता है. "पीएम मोदी जी का काम आपके ध्यान को इधर उदर करते हैं."
वर्ल्ड कप फाइनल के बाद पीएम को कहा था 'पनौती'
इसके अलावा, मौजूदा वर्ल्ड कप के फाइनल में टीम इंडिया के हारने के बाद कांग्रेस नेता गांधी ने पीएम मोदी को घेरते हुए कहा "कभी क्रिकेट मैच में चला जाएगा, वो बात अलग है कि फाइनल में हरवा दिया. पनौती पीएम मतलब पनौती मोदी".
BJP ने क्या कहा?
BJP के जनरल सेक्रेटरी अग्रवाल ने राहुल गांधी पर भी तीखा हमला बोलते हुए कहा कि वो घाटिया मानसिकता का 'मूर्ख, अशिक्षित और मूल्यहीन' आदमी है, जो 'ग्लोबल लीडर के खिलाफ अपमानजनक कमेंट कर रहे हैं. बीजेपी ने कहा, "हम निर्वाचन आयोग से दरख्वास्त करते हैं कि कांग्रे अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और सांसद राहुल गांधी के खिलाफ उनके लगातार धोखाधड़ी, बेबुनियाद और अपमानजनक आचरण के लिए उचित कानूनी कार्रवाई करके तत्काल हस्तक्षेप किया जाए और उनके खिलाफ निषेधात्मक आदेश पारित किया जाए. अन्यथा, यह चुनावी माहौल को खराब कर देगा और इससे सम्मानित आदमियों को बदनाम करने के लिए अपशब्दों, आपत्तिजनक भाषा का इस्तेमाल और झूठी खबरों को रोकना मुश्किल हो जाएगा".